विश्वप्रसिद्ध सामाजिक संस्था सुपर 30 के फाउंडर श्री आनंद कुमार की संघर्ष-गाथा ‘सुपर 30 आनंद की संघर्ष-गाथा’ का लोकार्पण बिहार के मुख्यमंत्री मान. श्री नीतीश कुमार के करकमलों द्वारा संपन्न हुआ। इस पुस्तक में छात्रों के संघर्ष की गाथा को बयाँ किया गया है। स्वयं आनंद कुमार ने भी ‘सुपर 30’ को स्थापित करने के लिए दिन-रात मेहनत की है।
मेरा सबसे प्रिय प्रकाशक प्रभात प्रकाशन है, जो सुरुचिपूर्ण और संस्कारप्रद पुस्तकें प्रकाशित करता है।
मेरी कुछेक पुस्तकों को छोड़कर सभी पुस्तकें हिंदी में प्रभात प्रकाशन ने छापी हैं, वह भी बडे़ कम मूल्य पर अधिकाधिक पाठकों तक पहुँचाने के लिए।
मेरी प्रामाणिक जीवनी व मेरी अनेक पुस्तकें प्रभात प्रकाशन ने सुंदर रूप में प्रकाशित की हैं।
प्रभात प्रकाशन की पुस्तकों की गुणवत्ता देखकर मुझे ईर्ष्या होती थी कि मेरी भी पुस्तकें प्रकाशित हों। अब अपनी पुस्तकें इतने सुंदर स्वरूप में देखकर मैं आनंदित हूँ।
अपने जीवनकाल में मैंने शायद सबसे अधिक पुस्तकें प्रभात प्रकाशन की लोकार्पित की होंगी। उनकी पुस्तकों में राष्ट्रवाद और देशभक्ति का जयघोष होता है।
प्रभात प्रकाशन को बिहार पर इतनी अधिक पुस्तकें प्रकाशित करने के लिए याद किया जाएगा। मेरी पुस्तकें भी यहीं से प्रकाशित होती हैं।
प्रभात प्रकाशन ने सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए राष्ट्रप्रेम की अच्छी पुस्तकें प्रकाशित की हैं।
मेरे विचारों को भारत की सबसे अधिक बोली जानेवाली भाषा हिंदी में प्रस्तुत करने के लिए भारत के प्रसिद्ध प्रकाशक प्रभात प्रकाशन की पूरी टीम का आभार।
प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित अपनी पहली हिंदी पुस्तक को देख मैं अपने आप को रोमांचित महसूस कर रहा हूँ।
मैं प्रभात प्रकाशन को राष्ट्रवादी साहित्य के प्रकाशन के कारण जानता हूँ।
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, धर्म व संस्कृति की पुस्तकें तथा ‘साहित्य अमृत’ प्रकाशित करने के लिए प्रभात प्रकाशन बधाई का पात्र है।
जैसे हेमंत शर्मा की पुस्तक ‘कैलास मानसरोवर’ द्वितीयोनास्ति है, वैसे ही प्रभात प्रकाशन भी द्वितीयोनास्ति है।
प्रभात प्रकाशन हिंदी का बेस्ट पब्लिशर है। मैंने देखा कि इन्होंने हमारी सेनाओं की कीर्ति को बढ़ानेवाली अनेक पुस्तकें प्रकाशित की हैं।
मेरी सभी पुस्तकें हिंदी में प्रभात प्रकाशन बखूबी छापता है।
मैं हर्षित हूँ कि मेरी जीवनी प्रभात प्रकाशन ने सुरुचिपूर्ण ढंग से प्रकाशित की है।
अपनी पुस्तक के हिंदी संस्करण के इस भव्य कार्यक्रम को देख मैं भावुक हो रहा हूँ। प्रभात प्रकाशन ही ऐसा आयोजन कर सकता है।
मेरी पुस्तकें हिंदी में प्रकाशित कर प्रभात प्रकाशन ने मुझे पूरे भारत से जोड़ दिया है।
देशरत्न राजेंद्र बाबू की पुस्तकें प्रकाशित कर प्रभात प्रकाशन ने हमारे पितामह को पुनर्जीवित कर दिया है।
सामाजिक चेतना जाग्रत् करने के प्रयासों को बल देनेवाली पुस्तकें प्रकाशित करने में प्रभात प्रकाशन का बड़ा अमूल्य योगदान है।