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इस पुस्तक में 100 CC बाइक से अकेले भोपाल से भोपाल के बीच 3850 किलोमीटर के सफर को बताया गया है, जो 12 दिन में पूरा हुआ। इस दौरान लेखक का भारत के सात राज्यों—मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान और एक केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में जाना हुआ। इस सफर के दौरान एक तरफ तो हिमालय की बर्फीली वादियों में ठंड का सामना किया तो वहीं मई की तपती दोपहरी में राजस्थान की भयानक गरमी भी इस शरीर पर झेली।
इस पुस्तक में पाठक आज से 5 हजार साल पुराने हड़प्पाकालीन सभ्यता स्थल राखीगढ़ी, मीतात्थल को महसूस कर सकेंगे तो वहीं महाभारत कालीन हस्तिनापुर के कई रहस्यों से रोमांचित हो जाएँगे। इसमें मौर्यकालीन सम्राट् अशोक के गुजर्रा और कालसी शिलालेख का वर्णन है; साथ ही राजपूत काल के शहरों उदयपुर, जयपुर, हल्दीघाटी, चित्तौड़गढ़ की गरिमा के बारे में विवरण है।
कुल मिलाकर वर्तमान पीढ़ी को भारत के गौरवशाली अतीत से परिचित कराने का उपक्रम है यह यात्रा और उसपर केंद्रित यह पुस्तक।
इस पुस्तक के लेखक श्याम सुंदर गोयल पेशे से पत्रकार हैं, लेकिन जुनून घूमने का भी है। वे भोपाल में दैनिक भास्कर ग्रुप की प्रोफेशनल लाइफ के बीच हर साल अचानक से लंबा गैप लेते थे और फिर परिवार और दीन-दुनिया से पूरी तरह अलग होकर एक दूसरी दुनिया में चले जाते थे। वहाँ सिर्फ वह थे, उनकी 100 CC की TVS बाइक थी और ढेर सारा रोमांच था। वे 2013 से 2018 के बीच 6 सालों में 25,000 किलोमीटर की दूरी बाइक से अकेले कवर कर चुके हैं। इस दौरान वे भारत के 20 राज्यों और 5 केंद्रशासित प्रदेशों में जा चुके हैं, जिनमें केदारनाथ जैसी दुर्गम यात्रा भी शामिल है। इस दौरान 5 बार उनके जबरदस्त एक्सीडेंट हुए, एक बार स्कूबा डाइविंग में सिलेंडर में ऑक्सीजन खत्म होने पर साक्षात् मौत के दर्शन हो गए थे। वे वर्तमान में इंडिया टुडे ग्रुप, दिल्ली में ‘आजतक ऑनलाइन’ में चीफ सब-एडिटर के पद पर कार्यरत रहे हैं।
उनकी इस पहली पुस्तक में भोपाल से केदारनाथ घाटी और 7 राज्यों की यात्रा के रोमांच को शब्दों में उतारा गया है। 12 दिन में 3850 किलोमीटर का सफर, जो फैमिली और प्रोफेशनल लाइफ जीने वाले शख्स का एक अलग ही रूप दुनिया के सामने लाता है।