₹350
किसी भी समाज अथवा देश का आर्थिक दृष्टि से संपन्न - समर्थ होना अति आवश्यक होता है । यानी किसी भी समाज व देश की आर्थिक सबलता उसके नागरिकों के अर्थ संबंधी ज्ञान से जुड़ी होती है । अर्थशास्त्र से हमें ऐसा ही ज्ञान प्राप्त होता है । प्रस्तुत पुस्तक हमें देश की आर्थिक स्थिति व अर्थव्यवस्था के संबंध में ढेरों जानकारियाँ देती है । अर्थशास्त्र संबंधित विभिन्न विषयों को 1000 प्रश्नों के अंतर्गत समाहित किया गया है । इसमें भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास और वर्तमान, प्रति व्यक्ति आय, सूचकांक, सकल घरेलू उत्पाद, आयात - निर्यात, विकास, स्थिरता, निर्धनता, पंचवर्षीय योजनाओं आदि के संबंध में अनेकानेक सूक्ष्म जानकारियाँ प्राप्त होती हैं । विश्वास है, इस पुस्तक को पढ़कर पाठकगण अर्थशास्त्र संबंधी अपने ज्ञान में वृद्धि ही नहीं, समृद्धि भी करेंगे ।
दिलीप पीपाड़ा
जन्म : राजस्थान के अजमेर जिले में।
शिक्षा : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, अजमेर से एम.ए. (अर्थशास्त्र), पी-एच.डी.।
स्नातकोत्तर परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर विश्वविद्यालय स्तर पर स्वर्ण पदक में विभूषित। ‘राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकाम बैैंक (नाबार्ड) का देश के आर्थिक विकास में योगदान (राजस्थान के विशेष संदर्भ में)’ विषय पर शोध-प्रबंध। प्रथम प्रयास में ही राष्ट्रीय लेक्चररशिप पात्रता परीक्षा (नेट) और राज्य स्तरीय लेक्चररशिप पात्रता परीक्षा (स्लेट) में सफलता प्राप्त की।
विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेख प्रकाशित। अर्थशास्त्र विषय में गहन रुचि। अर्थशास्त्र विषय को जनसामान्य के समझने योग्य बनाने हेतु सतत प्रयत्नशील। पिछले आठ वर्षों से सेठ मोतीलाल (पी.जी.) महाविद्यालय, झुंझुनूँ के स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग में लेक्चरर के पद पर कार्यरत।