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प्राचीन काल से ही मानव भौतिक जगत् में घटनेवाली प्राकृतिक घटनाओं, जैसे रात-दिन का होना, ऋतु में परिवर्तन होना, भूकंप के झटके लगना, ज्वालामुखी का विस्फोट होना, उल्कापात होना इत्यादि के कारणों को समझने का प्रयास करता रहा है। प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से ये घटनाएँ मानव-जीवन को प्रभावित करती हैं। भौतिक विज्ञान के द्वारा इनका गहन अध्ययन किया जाता है।
विज्ञान विषयक एवं सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में भौतिकी के प्रश्न निश्चित रूप से शामिल रहते हैं। प्रस्तुत पुस्तक में भौतिक विज्ञान की प्रमुख शाखाओं से संबंधित विभिन्न अध्यायों, जैसे कि मापन, गति के नियम, कार्य, ऊर्जा और शक्ति, द्रवों का प्रवाह, दोलन, तरंगें, चुंबकत्व एवं चुंबकीय मापन इत्यादि के अंतर्गत वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का संकलन किया गया है। विद्यार्थियों, प्रतियोगिताओं में शामिल हो रहे छात्र-छात्राओं एवं सामान्य वर्ग के पाठकों के लिए यह पुस्तक अत्यंत उपयोगी है।
जन्म : 30 अक्तूबर, 1955 को सिंघेश्वरस्थान में।
शिक्षा : एम.एस-सी. (प्राणि विज्ञान), पी-एच.डी., बी.एड., पत्रकारिता में डिप्लोमा।
कृतित्व : ‘तुम फिर आना’ (कहानी संग्रह), ‘पक्षियों का संसार’, ‘कीटों का संसार’, ‘जीव-जंतुओं का संसार’, ‘पर्यावरण प्रदूषण : संकट और निवारण’ (लोकप्रिय विज्ञान) एवं श्रेष्ठ विज्ञान पत्रिकाओं में एक हजार से अधिक विज्ञान आलेख प्रकाशित तथा आकाशवाणी के विभिन्न केंद्रों से प्रसारित।
पुरस्कार : श्रेष्ठ विज्ञान-लेखन के लिए डॉ. गोरखप्रसाद पुरस्कार प्राप्त एवं भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र मुंबई द्वारा पुरस्कृत। संप्रति : प्राचार्य, रामकृष्ण विवेकानंद विद्यापीठ, कपिलधारा, बिजुरी, जिला-अनूपपुर-484440 (म.प्र.)