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प्राय: यह देखा जाता है कि विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में राजनीति के बाद फिल्मों से संबंधित पाठ्य-सामग्री, चित्रों आदि को ही सर्वाधिक महत्त्व दिया जाता है। व्यवहार में तो यह देखने को मिलता है कि सात वर्ष के बालक से लेकर सत्तर वर्ष के वृद्ध तक—सभी लोग फिल्मों के प्रति अधिक रुचि लेते हैं। इसके बावजूद उन्हें फिल्मों से संबंधित विभिन्न प्रकार की ठोस व तथ्यगत जानकारियाँ प्राय: कम ही रहती हैं। विपुल मात्रा में ऐसी जानकारियाँ देनेवाली कोई प्रामाणिक और शोधपरक पुस्तक जल्दी कहीं मिल नहीं पाती।
इसी अभाव को पूरा करने के लिए प्रस्तुत पुस्तक का प्रकाशन किया गया है। इसमें फिल्मों से जुड़ी विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं के अतिरिक्त लगभग सभी फिल्मी हस्तियों से संबंधित एक हजार तथ्यों को व्यवस्थित एवं आकर्षक ढंग से और इस प्रयास भरी जिम्मेदारी के साथ कि इसमें जो कुछ भी हो, प्रामाणिक हो—प्रस्तुत किया गया है।
यह पुस्तक विभिन्न आयु-वर्गों के ज्ञान-पिपासुओं, ज्ञानार्थियों और ज्ञानियों—सभी के लिए उपयोगी, रोचक व पठनीय ही नहीं बल्कि संग्रहणीय भी है।
जन्म : 16 अप्रैल, 1961 को आरा (बिहार) में।
शिक्षा : आरा के मॉडल इंस्टिच्यूट से मैट्रिक तथा जैन कॉलेज से बी.कॉम.। डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा पत्रकारिता संस्थान (पटना) से ‘बैचलर ऑफ जर्नलिज्म’ का पाठ्यक्रम पूर्ण।
पिता श्री अनंगजीत प्रसाद श्रीवास्तव ‘हीराजी’ से पत्रकारिता विरासत में मिली। पंद्रह वर्ष की ही उम्र से शीर्षस्थ पत्र-पत्रिकाओं—‘धर्मयुग’, ‘दिनमान’, ‘रविवार’ आदि में लिखना-छपना शुरू। अब तक तीन सौ से अधिक रचनाएँ (कहानियाँ, कविताएँ, गजलें, लेख, साक्षात्कार, रिपोर्ताज, समीक्षाएँ, संस्मरण, शब्द-चित्र आदि) प्रकाशित। शोधपरक ‘चुनाव, लोकसभा और राजनीति’, ‘बिहार दर्पण’ और ‘1000 राजनीति प्रश्नोत्तरी’ के अतिरिक्त बाल-साहित्य की भी दो पुस्तकें प्रकाशित।
विभिन्न विषयों की ढाई सौ से अधिक पुस्तकों का संपादन। ‘दिल्ली प्रेस’ के संपादकीय विभाग में, ‘पुस्तक महल’ के संपादकीय प्रभारी, ‘हंस’ के सहायक संपादक तथा दूरदर्शन समाचार के शोध प्रभारी (अनु.) के रूप में कार्य किया। कुछ कार्य ‘सोनी टी.वी.’ के लिए भी किया। आकाशवाणी से ‘मेरी पसंद’, ‘सामयिकी’, कविताएँ आदि प्रसारित।
स्काउट का ‘राष्ट्रपति पुरस्कार’ प्राप्त।