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पहेलियाँ दिमाग का आलोड़न कर मस्तिष्क को तरोताजा रखने में मदद करती हैं। और जब बात हो गणित की, तब निस्संदेह पहेलियाँ गणित को एक मनोरंजक विषय बनाने में मददगार साबित होती हैं। महान् गणितज्ञ भास्कराचार्य ने अपनी पुस्तक ‘लीलावती’ में गणित को सहज-सरल पहेलियों के रूप में प्रस्तुत किया है, क्योंकि उनका मानना था कि पहेलियाँ गणित को सरस बनाती हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में भी लेखक ने गणित की बारीकियों को पहेली के माध्यम से सुगम बनाने का सफल प्रयास किया है। साथ ही प्रत्येक पहेली के पीछे छिपे गणितीय रहस्य को पाठकों के सामने लाकर गणित की जटिलता को समाप्त कर मनोरंजन के साथ-साथ इसे सारगर्भित बनाने का सराहनीय प्रयास भी किया है।
शिक्षा : एम.एस-सी. (गणित, संक्रिया विज्ञान), एम.ए. (शिक्षा, अंग्रेजी), ई.टी.ई, बी.एड.।प्रकाशन : 100 से अधिक गणितीय लेख, गणित विषय पर 20 से भी अधिक पुस्तकें, दर्जनों कविताएँ।सम्मान : राष्ट्रीय मेधावी छात्रवृति (कक्षा 6 से 10 तक); विज्ञान विधि रेडियो धारावाहिक के लिए दिल्ली द्वारा पुरस्कृत; आशु लेखन कविता के लिए हिंदी अकादमी दिल्ली द्वारा सांत्वना पुरस्कार; नेशनल बेस्ट टीचर का सम्मान ए.आइ.आर.एम.सी. गुजरात द्वारा।अन्य : 150 से अधिक गणित संगोष्ठियों में वैदिक गणित का शिक्षण। 3 बार राष्ट्र्रीय गणित क्विज का संचालन। रेडियो पर गणितीय परिचर्चा का प्रसारण।इ-मेल : rkthakur1974@gmail.com