₹300
चेहरे पर हँसी और मुसकान को देखकर खुशी को परिभाषित नहीं किया जा सकता है। खुशी चेहरे पर नहीं, अंतर की गहराई में होती है, जो चेहरे पर झलके, यह जरूरी नहीं है। वैसे खुश रहने का कोई फॉर्मूला नहीं होता। लोग अपने आप में खुश रहते हैं। किसे किस बात में खुशी मिलेगी, यह कहा नहीं जा सकता। वे खुद भी सही-सही नहीं बता सकते हैं कि उन्हें किस बात में खुशी मिलेगी। हर कोई अपने आप में खुश रहता है या अपने आप में दुःखी रहता है। खुश रहने का लोगों का अपना-अपना सिद्धांत है, अपना-अपना तरीका है, अपना-अपना विचार है।
निष्कर्षतः कहा जा सकता है कि खुश रहना अपने हाथ में है। किसी को बड़ी उपलब्धि पर खुशी मिलती है तो किसी को छोटी उपलब्धि पर बड़ी खुशी मिलती है। कोई छोटी बात पर बहुत खुश हो जाता है, कोई बड़ी बात पर भी खुश नहीं हो पाता है। यानी जो जिस बात में अधिक खुशी ढूँढ़ता है, वह उतना ही अधिक खुश होता है। जो कम खुशी ढूँढ़ता है, वह कम खुश रहता है।
प्रस्तुत पुस्तक में यही बताया गया है कि खुशियाँ दिखाई नहीं देतीं, महसूस की जाती हैं। खुशियाँ हमारे आस-पास ही बिखरी पड़ी हैं। बस, उन्हें समेटने की जरूरत है, सुनहरे पलों में कैद करने की जरूरत है। हम अगर छोटे-छोटे पहलुओं में खुशियाँ ढूँढ़ें तो हमारे पास दुःख नाम की चीज नहीं रह जाएगी।
__________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________
अनुक्रम
अपनी बात — Pgs. 7
1. खुशी आती कहाँ से है — Pgs. 13
2. खुश रहने का फॉर्मूला — Pgs. 19
3. जीवन को खुशनुमा बनाएँ — Pgs. 24
4. आत्मविश्वास बढ़ाएँ, खुशियाँ पाएँ — Pgs. 45
5. दिल और दिमाग को दें मुकम्मल सुकून — Pgs. 58
6. स्वस्थ जीवन-शैली बनाएँ — Pgs. 78
7. खुश लोगों की स्वस्थ आदतें — Pgs. 94
8. मूड बनानेवाले फूड — Pgs. 114
9. मूड बनाने के लिए व्यायाम — Pgs. 14
जन्म : 15 जनवरी, 1965।
शिक्षा : बी.एस-सी., बी.एच.एम. एस., एन.डी.।
प्रकाशन : ‘जो सोचें सो कैसे पाएँ’ (हिंदी व गुजराती में), ‘सफलता ही सफलता’, ‘सोचें और विजेता बनें’, ‘आप भी बन सकते हैं अमीर’, ‘अमीर बनने के 55 अचूक मंत्र’ (हिंदी, मराठी, बँगला और गुजराती भाष्ाओं में), ‘फिल्म पत्रकारिता’, ‘क्राइम पत्रकारिता’, ‘स्वतंत्र पत्रकारिता’, ‘घर बैठे सौंदर्य उपचार’, ‘200 ब्यूटी टिप्स’, ‘फल एवं सब्जियों द्वारा सौंदर्य उपचार’, ‘1001 हेल्थ टिप्स’, ‘251 स्वास्थ्य संबंधित गलतफहमयाँ’, ‘किस बीमारी में क्या न खाएँ’, ‘सफल सेक्स के 251 टिप्स’, ‘222 सेक्स संबंधित गलतफहमियाँ’, ‘1001 लव टिप्स’ (हिंदी-अंग्रेजी में) के साथ-साथ पत्र-पत्रिकाओं में लगभग दस हजार लेख आदि प्रकाशित।