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"यह पुस्तक किसी खास उम्र, वर्ग या समुदाय के लिए नहीं, बल्कि सभी समूह के लोगों के लिए है चाहे वे बच्चे, महिला, पुरुष, बूढ़े या जवान हों। इस पुस्तक में लिखी हुई बातें दरअसल हम सबके जीवन में घटित हो रही दिनचर्या से जुड़ी हुई कहानियाँ हैं।
पुस्तक पढ़ने के बाद आपको पता चलेगा कि किस तरह का बदलाव हमारे जीवन में आया है, जिसकी वजह से हम सभी प्रतिदिन विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। कई प्रकार के शारीरिक कष्ट हो रहे हैं, बीमारियाँ हो रही हैं। इस पुस्तक को लिखने का खास मकसद यह है कि जो कोई भी इसे पढ़े, उसके बाद वह अपने शरीर के महत्त्व को समझे। इस बात को समझे कि शरीर को स्वस्थ रखना कितना जरूरी है। अगर इस शरीर को ही हम स्वस्थ नहीं रखेंगे, इस शरीर का ही ध्यान नहीं रखेंगे, इसकी देख-रेख अच्छे तरीके से नहीं करेंगे तो फिर हम अपना जीवन खुद ही व्यर्थ कर देंगे।
अगर हमारा शरीर स्वस्थ रहेगा, तभी हमारा जीवन भी बिना किसी कष्ट के अच्छे और सुचारु रूप से काम कर पाएगा।"