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5 Sarsanghchalak: (Know About RSS: Based on Rashtriya Swayamsevak Sangh Documents (Unveiling the Essence of RSS) in Hindi   

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Author Arun Anand
Features
  • ISBN : 9789390315567
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Arun Anand
  • 9789390315567
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2025
  • 216
  • Soft Cover
  • 250 Grams

Description

विश्व के सबसे बड़े स्वयंसेवी सामाजिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में आरंभ से ही व्यक्ति विशेष के बजाय उसके कार्य को महत्त्व देने की परंपरा रही है। इसीलिए संघ ने किसी व्यक्ति को नहीं, बल्कि भगवा ध्वज को अपना गुरु माना है। यही कारण है कि सरसंघचालकों द्वारा किए गए कार्यों और उनके जीवन के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं है। जानकारी कम होने के कारण लोगों के मन में कई प्रश्न उठते हैं और कही-सुनी बातों पर ही कई धारणाएँ भी बना ली गई हैं, जिनमें से अधिकतर भ्रांतियाँ हैं। मसलन एक धारणा यह है कि संघ में सरसंघचालक के पास सबसे ज्यादा शक्तियाँ होती हैं। लेकिन क्या वाकई यह सच है? अंततः संघ के आज के स्वरूप को गढ़ने में सरसंघचालकों की भूमिका और योगदान क्या है? क्या संघ में सरसंघचालक स्वयंसेवकों को चलाते हैं या स्वयंसेवक सरसंघचालक को चलाते हैं? इन प्रश्नों के उत्तर पाने के लिए पाँच सरसंघचालकों की जीवनयात्रा को समझना होगा। इस यात्रा के माध्यम से ही आप संघ की दीर्घ यात्रा को भी और गहरे से जान पाएँगे।

The Author

Arun Anand

अरुण आनंद दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। देश के कई प्रमुख समाचार-पत्रों, समाचार एजेंसियों व टी.वी. समाचार चैनलों में वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके अरुण भारतीय राजनीति के विविध पक्षों के गहन विश्लेषण के लिए जाने जाते हैं। भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई पक्षों पर उनके शोधपरक लेख प्रकाशित हुए हैं। अंग्रेजी, हिंदी व फ्रेंच पर समान अधिकार रखनेवाले अरुण अंग्रेजी में एक उपन्यास व भारतीय मूल के नोबल पुरस्कार विजेताओं की जीवनियों का संकलन प्रकाशित कर चुके हैं। इसके अलावा तीन पुस्तकों का अनुवाद अंग्रेजी से हिंदी में कर चुके हैं, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की पुस्तक ‘ऑडेसिटी ऑफ होप’ का हिंदी अनुवाद ‘आशा का सवेरा’ भी शामिल है। फिलहाल वे समाचार व विचार वेबसाइट के संपादक हैं और दिल्ली में अपने परिवार के साथ रहते हैं।

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