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51 Rochak Baal Kahaniyan   

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Author Dr. Saraswati Bali
Features
  • ISBN : 9789386001931
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : Ist
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  • Kindle Store

More Information

  • Dr. Saraswati Bali
  • 9789386001931
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • Ist
  • 2018
  • 200
  • Hard Cover

Description

अगले दिन राजीव क्लास से बाहर ही अपनी मैडम से मिला।
‘‘गुड मॉर्निंग मैम!’’ कहकर वह वहीं खड़ा हो गया।
‘‘गुड मॉर्निंग। बोलो राजीव क्या बात है?’’ मैडम ने पूछा।
‘‘मैम, आपसे एक जरूरी बात पूछनी थी।’’
‘‘हाँ-हाँ, बोलो क्या बात है?’’ मैम ने कहा।
‘‘मैम, हमारे पड़ोस में एक लड़का रहता है। वह बोलने में हकलाता है और थोड़ा मंदबुद्धि भी है। क्या उसे स्कूल में दाखिला मिल सकता है?’’ राजीव ने थोड़ा डरते-घबराते हुए अपनी बात कही।
‘‘हाँ-हाँ, क्यों नहीं। अभी कल ही प्रिंसिपल साहब ने इस बारे में घोषणा की है। राजीव तुम क्लास में चलो। इस विषय में सारी बात विस्तार से पता करके मैं तुम्हें कल बताऊँगी।’’ मैडम ने आश्वासन दिया।
‘‘थैंक यू मैम।’’ कहकर राजीव उत्साहपूर्वक क्लास में चला गया।
इसी संग्रह से
——1——
ये कहानियाँ विशेष तौर पर दस से पंद्रह वर्ष के बच्चों व किशोरों के लिए लिखी गई हैं, जिन्हें बढ़ने की उम्र में किसी दिशा को समझने की जरूरत होती है। आशा है इन कहानियों को पढ़कर बच्चे व किशोर अवश्य अपने लिए कोई सार्थक दिशा ढूँढ़ पाने में समर्थ होंगे।

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अनुक्रम  
पुरोवाक्—5 26. एक थी डोरोथी—100
1. प्यार अनमोल—11 27. मेहनत रंग लाई—103
2. मदद—15 28. नया रास्ता—108
3. भूल—18 29. एशन प्लान—113
4. आत्मविश्वास—22 30. दादा-दादी की घर वापसी—118
5. दीवाली की मिठाई—26 31. टूट गए बंधन—123
6. असली पूजा—29 32. खुशी के पल—127
7. सरप्राइज पार्टी—32 33. हार-जीत—132
8. टिम-टिम तारे—36 34. माँ का प्यार—137
9. नई राह—40 35. जन्मदिन—142
10. रंगवाला गुबारा—45 36. निर्मल मन—146
11. छुक-छुक रेल—48 37. जागरूक मनीष—150
12. खेल-खिलौने—52 38. पेन फ्रैंड—154
13. इम्तिहान—56 39. प्लैनेटेरियम की सैर—158
14. पतंग—59 40. विशू की भूल—164
15. मिताली—62 41. लक्ष्मी की चिट्ठी—167
16. गोद—66 42. एहसास—170
17. प्रतिज्ञा—69 43. झूठ का फल—174
18. कंपार्टमेंट—72 44. नया फॉर्मूला—177
19. चंपकवन में ओलंपिक गेम्स—75 45. दीवान मूलराज का न्याय—181
20. बदला लेना महँगा पड़ा—79 46. क्षमाशील त्रित—184
21. पकड़ा गया जग्गू—83 47. राजू का सपना—187
22. विकी-डिकी ऐंड कंपनी—87 48. यक्षदेश में एक दिन—190
23. गंपू-चंपू ने इंटरनेट लगवाया—90 49. संकल्प—193
24. कहाँ गया सूरज —94 50. परिवर्तन—195
25. शेर की शादी—97 51. अपनी-अपनी राह—198

The Author

Dr. Saraswati Bali

डॉ. सरस्वती बाली का जन्म 30 अक्तूबर, 1943 को हैदराबाद सिंध (अब पाकिस्तान) में हुआ। पाकिस्तान बनने पर वे भारत में आकर दिल्ली में बस गईं। उन्होंने एस.आर.एस.डी. स्कूल से हायर सेकंडरी (प्रथम श्रेणी), लेडी श्रीराम कॉलेज से संस्कृत ऑनर्स (प्रथम श्रेणी) तथा उसी कॉलेज से एम.ए. संस्कृत (प्रथम श्रेणी) उत्तीर्ण कर दिल्ली विश्वविद्यालय से संस्कृत में पी-एच.डी. की। 41 वर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय के कालिंदी कॉलेज में संस्कृत अध्यापन कार्य तथा इसी दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में वेद विषय का भी अध्यापन किया। अब तक उनकी दस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें से ‘बृहस्पति इन द वेदाज एंड द पुराणाज’, ‘सायणाज उपोद्घात टु द तैत्तिरीय संहिता एंड द ऋग्वेद संहिता’, ‘वेदार्णवमंथन’ शोधग्रंथ हैं। ‘महाभारत सूक्तिसमुच्चय’ सूक्ति-संग्रह है, जिसका उन्होंने हिंदी तथा अंग्रेजी में अनुवाद किया। ‘बालसमुल्लासः’ संस्कृतभाषा में बाल-कहानियाँ,  ‘हितोपदेशकथानाव्यम्’ हितोपदेश की कहानियों पर आधारित संस्कृत में बालोपयोगी नाटक, ‘सुहिणा गुल’ सिंधी भाषा में बालकहानियाँ हैं। हिंदी भाषा में चार कहानी-संग्रह प्रकाशित— ‘दीवान मूलराज का न्याय’, ‘खुशी के पल’, ‘टिम-टिम तारे’ तथा वर्तमान कहानी संग्रह ‘51 रोचक बाल कहानियाँ’।

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