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"आले' कहानी-संग्रह की कहानियाँ जीवन की जटिलताओं का वर्णन करती हैं। और कथा-संसार में अपना विशिष्ट स्थान बनाने तथा पाठक के मस्तिष्क-पटल पर दीर्घकालिक प्रभाव छोड़ने में सक्षम हैं।
इस कहानी संग्रह में मानवीय संवेदनाओं को सजगता और सहजता से उकेरा गया है। समाज में व्याप्त चिंताओं, घटनाओं, विषयों और समस्याओं से उपजी कहानियों में लोक कल्याण की कामना उगमती-उफनती दिखती है। समाज की अंतश्चेतना को स्पर्श करती मीनू त्रिपाठी द्वारा सृजित कहानियाँ बहुआयामी, बहुरंगी एवं बहुविध पक्ष उजागर करती हैं।
'आले' की कुछ कहानियों के विषय बोल्ड होते हुए भी असहज नहीं करते। प्रस्तुतीकरण बड़े सलीके से मनोवैज्ञानिक धरातल पर आलंबित किया गया है। निश्चित रूप से ये कहानियाँ अपने सशक्त बिंबात्मक कथ्य के द्वारा पाठक के हृदय को छूने और उसके मन की वैचारिक संरचना को परिवर्तित करने में सक्षम हैं। किस्सागोई शैली में सृजित कहानियाँ पात्रों के सहज स्वाभाविक मनोविज्ञान, उनकी चारित्रिक विशिष्टताएँ, कमजोरियाँ, गुण-दोष आदि को उकेरकर पाठकों के मन में चलचित्र जैसे दृश्य उत्पन्न करती हैं। रोचक ढंग से बुनी संग्रह की कहानियाँ पाठकों के मानस तक पहुँचकर अपनी सार्थकता स्थापित करने में समर्थ हैं।"
मीनू त्रिपाठी
एम.ए. (हिंदी), एम.ए. (इतिहास) तथा बी.एड. की शिक्षा प्राप्त तथा शिक्षण व सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय हिंदी साहित्याकाश की स्थापित सितारा मीनू त्रिपाठी सामाजिक सरोकारों से जुड़ी हुई एक संवेदनशील और बहुमुखी प्रतिभा की धनी कहानीकार हैं। तीन कहानी-संग्रहों एवं तीन सौ पचास से अधिक कहानियों, बाल-कहानियों और लघुकथाओं के साथ वे समकालीन कहानीकारों में एक विशिष्ट पहचान बन चुकी हैं। उनकी कहानियाँ देश की प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित और आकाशवाणी में नियमित रूप से प्रसारित होती रहती हैं। साहित्य-सृजन के अतिरिक्त सी.बी.एस.ई. तथा एन.सी.ई.आर. टी. से संबद्ध हिंदी पाठ्य पुस्तकों की रचना, संपादन तथा पुनरावलोकन भी समय-समय पर करती रहती हैं। एक सैन्य अधिकारी की पत्नी होने के कारण सेना के विभिन्न सामाजिक और रचनात्मक कार्यक्रमों में प्रतिभागिता तथा सफल संचालन इनकी विशिष्टता है। इनके साहित्यिक और सामाजिक योगदान को संज्ञान में लेते हुए देश की प्रतिष्ठित साहित्यिक और सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
वर्तमान में नोएडा में रहकर लेखन कार्य एवं विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रमों में सहभागिता द्वारा साहित्य-सेवा कर रही हैं।