अंग्रेज़ी शब्दों के उच्चारण के मामले में आलिम सर एक जाना-माना नाम है। उनका कॉलम ‘ज़बान सँभाल के’ सन् 2004 में नवभारत टाइम्स, दिल्ली में प्रकाशित होना शुरू हुआ और बहुत जल्दी का़फी लोकप्रिय हो गया। उसके बाद पाठकों की माँग पर वह कई बार रिपीट भी हुआ।
आलिम सर का अंग्रेज़ी पढ़ाने का ढंग निराला है। हल्के-फुल्के अंदाज़ में वह अंग्रेज़ी उच्चारण के जटिल-से-जटिल नियम चुटकी बजाते समझा देते हैं। उनका मानना है कि यदि पाठक अंग्रेज़ी उच्चारण के सात नियम समझ जाए तो वह 80 प्रतिशत अंग्रेज़ी शब्दों के उच्चारण का खुद ही अंदाज़ा लगा सकते हैं। हल्का-भारी का नियम उनकी अनोखी खोज है, जिसमें उन्होंने हिंदी व्याकरण के बहुत आसान से नियम के आधार पर अंग्रेज़ी उच्चारण का बेसिक फंडा समझाया है। हिंदी के पाठकों के लिए यह बहुत उपयोगी साबित हुआ है।
इस पुस्तक में आलिम सर ने अपनी पुरानी क्लासों को संशोधित-संवर्धित रूप में प्रस्तुत किया है। हर क्लास के अंत में उसका सार और अभ्यास भी जोड़ा गया है, जो कि अ़खबार में छपे कॉलम में नहीं था।
अंग्रेज़ी भाषा को सहज-सरल ढंग से सीखने में सहायक एक अत्यंत उपयोगी पुस्तक।
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अनुक्रम
बहुत बड़ा क़र्ज़ था, आज लौटा रहा हूँ — 5
खंड-1 वावेल और कॉन्सनंट (Vowels & Consonants)
1. A से एप्पल यानी शुरुआत ही ग़लत — 13
2. आइए, शुरू से करते हैं शुरुआत — 15
3. CV से पता लगाएँ किसी शद का उच्चारण — 17
4. नाश्ते में साँप, मर गए बाप! — 19
5. यह E वाला गेट, वह A वाला गेऽट — 22
6. सिम की तरह SIM.पल है CiC का फंडा — 25
7. अरे O साँभा, कॉटन होगा या काटन? — 28
8. But के साथी ज़्यादा हैं, Put के बंधु कम — 31
9. कर्ण और पाँच पांडवों की कथा — 33
10. WaWL को सदा याद रखना — 36
11. होल में घुसकर किताबें कैसे पढ़ें बच्चन? — 39
12. सास ख़त्म होने से भाभीजी टेंस — 41
13. Bowl, तेरा या नाम रे — 43
14. संजीव के 9 रोल, OU के 9 बोल — 45
15. ऐश माँगी थी, गरम राख नहीं माँगी थी — 48
16. अरे ओ साँभा, एऽ को कितना खींचें? — 50
17. ख़ुद हो जाए गुम, पर लंबी कर दे दुम — 52
18. गुप्ताजी बोलिंग, लड़की इज सोइंग — 55
19. जाने कहाँ Bomb का ब गया जी! — 58
20. आउ बोले तो कल्लू, एयी बोले तो सल्लू — 60
21. CC में पहला C हमेशा ‘क’ — 63
22. ज का बोलबाला, ड के मुँह पर ताला — 66
23. जब D का उच्चारण होता है ‘ट’ — 69
24. कोई फूल न बना दे आपको फूल — 73
25. ‘आउ’ कहे तो गाऊँ, ‘एयी’ कहे तो जाऊँ — 75
26. जब भूत की तरह गायब हो जाता है H — 78
27. लखनऊ तो बना ‘लकनाउ’, ढाका में पड़ा ‘डाका’ — 81
28. आइए, मिलिए Dr. Jekyll से — 83
29. न्यूमोनिया से हो जाए सरघूमोनिया — 86
30. Q की व़फा को न समझे U बेव़फा — 90
31. शुरू में हो तो R, पर अंत में चुप्पी मार — 93
32. My डिअर डिअर is very डिअर — 96
33. बीच में हो R तो या होगा अंजाम? — 99
34. असमिया लड़की का सिली सॉस — 102
35. हम दोनों लोस हैं, बातें होती रोज़ हैं — 106
36. इस श्ज़न पर बहुत है कऩ्यूश्ज़न — 109
37. जाने कहाँ क्रिसमस का T गया जी? — 112
38. ‘थैंक यू’ और ‘सॉरी’ में कभी कंजूसी नहीं — 114
39. अंत में हो TH तो ‘थ’ बोलें या ‘द’? — 116
40. जब T का उच्चारण होता है च, श और ड — 119
41. किस्सा चेमिस्ट्री पढ़ानेवाले कोपड़ा सर का — 122
42. तुमको चूमूँ या होंठ काटूँ? — 125
43. एसपोज़ किया तो डरना या? — 127
44. Y डबल रोल का हिअरो, तो Z ने दिया है ज़िअरो — 130
खंड-2 सिल्अॅबॅल और स्ट्रेस (Syllable and Stress)
45. आज मैं आपको बच्चा बनाऊँगा, बनेंगे? — 135
46. रोबीले अमरीश पुरी और मिमियाते ऋषि कपूर — 138
47. स्ट्रेस, सिल्अॅबॅल और कमज़ोरवाला अ — 140
48. हल्का-भारी से जानें A का उच्चारण — 143
49. नियम 1 — स्ट्रेस पहले सिल्अॅबॅल पर — 146
50. नियम 2 — नाउन में पहले, वर्ब में दूसरे पर स्ट्रेस — 149
51. नियम 3 — वर्ब में डबल स्ट्रेस भी — 152
52. नियम 4a — स्ट्रेस के चकर में स्पेलिंग ही बदल गई — 154
53. नियम 4b — मैजिक और मजिशन का जादू — 157
54. नियम 5 — यह ग्रूप है अच्छा बच्चा — 160
55. नियम 6 — आई y की बारी, पहले से पहला भारी — 162
56. सात नियम हों याद तो इंग्लिश मुट्ठी में — 164
खंड-3 प्रिफ़िक्सऔर स़िफस (Prefix and Suffix)
57. Pro से प्रॉ या प्र — पता लगाएँ चुटकी में — 169
58. Court.ship तो करें, मगर Court से बचें — 172
59. Re की ध्वनियाँ चार, बोलो — रा, रॉ, रि, री — 175
60. आ़िखर में है -age तो होगा ‘इज’ — 180
61. डेमोक्रेसी ग़लत है, मिलिट्री ठीक है — 183
62. क्रिकेट भी ग़लत, विकेट भी ग़लत — 186
63. बोलते हैं सही, मगर वजह मालूम नहीं — 189
64. सचिन बेस्ट हैं, पर सबसे बेस्ट नहीं — 192
65. स्ट्रेस न हो तो iCe बन जाता है ‘इस’ — 196
66. काना मामा, वहाँ पैर फैलाकर बैठो — 199
67. C, G, T, X चार भाई, खा गए -ious का आइ — 202
68. घर की शेव इटैलिअन बराबर — 205
69. Depot में घुसकर गायब हो गया T — 208
70. फेंकोलजी में उस्ताद था वह — 211
71. जैसे -logy का ‘लजी’, वैसे -nomy का ‘नमी’ — 214
72. झाँसेबाजों की कराएँ पॉलिग्ऱफी — 217
73. सबसे आसान लास — ment से होगा ‘मंट’ — 219
74. साथी था शैतान, सर ने मेरे खींचे कान — 222
75. वह बोली, जेन्अमन! आप समझे, जानेमन! — 224
76. ब्रेक से मिलने फास्ट आया दौड़-दाड़ के — 227
77. प्यार को होवे झगड़ा या बिज़नस का हो रगड़ा — 229
78. फ़िथ पॉकिट में सौ चूज़े, इसमें दो हैं नियम छुपे — 232
79. पंचुअल होना भी एक गुनाह है — 235
80. जोशीले चार जिनकी संया है पाँच — 237
81. Cut कभी था कुट और Boot कभी था बोट — 240
लासों की विषयवार सूची — 243
अंग्रेज़ी शब्दों के उच्चारण के मामले में आलिम सर एक जाना-माना नाम है। उनका कॉलम ‘ज़बान सँभाल के’ सन् 2004 में नवभारत टाइम्स, दिल्ली में प्रकाशित होना शुरू हुआ और बहुत जल्दी का़फी लोकप्रिय हो गया। उसके बाद पाठकों की माँग पर वह कई बार रिपीट भी हुआ।
आलिम सर का अंग्रेज़ी पढ़ाने का ढंग निराला है। हल्के-फुल्के अंदाज़ में वह अंग्रेज़ी उच्चारण के जटिल-से-जटिल नियम चुटकी बजाते समझा देते हैं। उनका मानना है कि यदि पाठक अंग्रेज़ी उच्चारण के सात नियम समझ जाए तो वह 80 प्रतिशत अंग्रेज़ी शब्दों के उच्चारण का ़खुद ही अंदाज़ा लगा सकते हैं। हल्का-भारी का नियम उनकी अनोखी खोज है, जिसमें उन्होंने हिंदी व्याकरण के बहुत आसान से नियम के आधार पर अंग्रेज़ी उच्चारण का बेसिक ़फंडा समझाया है। हिंदी के पाठकों के लिए यह बहुत उपयोगी साबित हुआ है।
इस पुस्तक में आलिम सर ने अपनी पुरानी क्लासों को संशोधित-संवर्धित रूप में प्रस्तुत किया है। हर क्लास के अंत में उसका सार और अभ्यास भी जोड़ा गया है, जो कि अ़खबार में छपे कॉलम में नहीं था।
अंग्रेज़ी भाषा को सहज-सरल ढंग से सीखने में सहायक एक अत्यंत उपयोगी पुस्तक।