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प्रख्यात नेत्र विशेषज्ञ डॉ. आर.के. कपूर द्वारा रचित पुस्तक ‘आँखों की देखभाल’ में वैज्ञानिक आधार पर आँखों से संबंधित महत्त्वपूर्ण रोगों का वर्णन किया गया है। साथ ही रोजमर्रा में की जानेवाली आँखों की देखभाल से संबंधित दिशा-निर्देश देकर ऐसे रोगों से बचने के उपाय भी बताए गए हैं। यह पुस्तक देखभाल, निवारण तथा उपचार के मूल सिद्धांतों पर आधारित है। इस पुस्तक में विशेष रूप से चश्मा लगाने, निकट दृष्टि-दोष, भेंगापन एवं संक्रामक रोगों के बारे में फैली गलत धारणाओं और भय को उजागर किया गया है। लेखक ने आँखों की देखभाल के लिए पाठकों के समक्ष व्यावहारिक जानकारी रोचक ढंग से प्रस्तुत की है। इसके अलावा रोगों पर काबू पाने तथा नेत्र विशेषज्ञों की सेवा का भरपूर लाभ उठाने की जानकारी दी गई है।
इस पुस्तक में योग, प्राणायाम तथा प्रातःकालीन सैर की महत्ता पर बल दिया गया है, ताकि हमारी आँखों को बराबर ऊर्जा एवं शक्ति मिलती रहे।
अत्यंत रोचक, जानकारीपरक एवं उपयोगी पुस्तक।
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अनुक्रम
1. आँख के गोले की रचना — Pgs. 13
2. रोगों की जाँच — Pgs. 15
3. आँसू — प्रकृति की सुरक्षा-कार्यविधि — Pgs. 17
4. सही शारीरिक मुद्रा तथा पढ़ने-लिखने में उचित प्रकाश-व्यवस्था — Pgs. 22
5. बच्चों में नेत्र संक्रमण — Pgs. 25
6. वयस्कों में सामान्य नेत्र रोग — Pgs. 30
7. रोहा — Pgs. 34
8. यूविआइटिस —आँख के भीतरी भाग की सूजन — Pgs. 37
9. चश्मे — Pgs. 41
10. कॉण्टेट लेंस — Pgs. 50
11. मायोपिया (लघु-दृष्टि) — Pgs. 57
12. लेजर चिकित्सा — Pgs. 65
13. चश्मे का पॉवर कम करने या चश्मा हटाने की चिकित्सा-
पद्धति — एजाइमर लेजर — Pgs. 70
14. आँखों की दुर्घटना और चोट — Pgs. 73
15. मोतियाबिंद — Pgs. 77
16. ग्लूकोमा — Pgs. 87
17. भेंगापन — Pgs. 93
18. कॉर्निया प्रत्यारोपण तथा नेत्र-कोष — Pgs. 100
19. कॉर्नियल अंधता दूर करने के लिए नेत्रदान — Pgs. 105
20. रेटिना और विट्रियस के रोग — Pgs. 109
21. बढ़ती आयु में दृष्टि-पटल पर धबे आदि विकार — Pgs. 116
22. आँखों के आगे धबे और चौंध — Pgs. 121
23. मधुमेह और आँखें — Pgs. 124
24. रत दाब और आँखें — Pgs. 131
25. वंशानुगत या पारिवारिक नेत्र रोग — Pgs. 133
26. कैंसर और आँखें — Pgs. 135
27. स्वस्थ आँखों का पोषण — Pgs. 137
28. पर्यावरणीय प्रदूषण तथा आँखें — Pgs. 140
29. आँखों की देखभाल बनाम टी.वी., कंप्यूटर और वीडियो — Pgs. 142
30. आई ड्रॉप्स और आँखों का मरहम — Pgs. 144
31. आँखों की देखभाल में या करें, या न करें — Pgs. 149
डॉ. कपूर को मुंबई के बॉम्बे हॉस्पिटल मेडिकल रिसर्च सेंटर और तापडि़या इंस्टिच्यूट ऑफ ऑफ्थैल्मोलॉजी में बतौर कन्सल्टेंट ऑफ्थैल्मिक सर्जन काम करने का साढ़े चार दशक से ज्यादा का अनुभव है। वे बॉम्बे इंस्टिच्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज में नेत्र विज्ञान विषय के सहायक प्रोफेसर भी हैं। टोपीवाला नेशनल मेडिकल कॉलेज से एम.बी.बी.एस. करने के पश्चात् उन्होंने मुंबई के ही ग्रांट मेडिकल कॉलेज से नेत्र विज्ञान में एम.एस. की उपाधि प्राप्त की। वे भारत व विदेशों में अनेक प्रतिष्ठित अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में विभिन्न पदों पर रहकर सेवा कर चुके हैं।
सामुदायिक नेत्र परियोजनाओं में सहभागिता करने के अलावा डॉ. कपूर विभिन्न राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में नेत्र विज्ञान और इंट्राऑक्युलर लेंस इंप्लांट पर अनेक आलेख भी प्रस्तुत कर चुके हैं।