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महान् वैज्ञानिकों का मस्तिष्क प्रश्नों से भरा होने के कारण सदैव अशांत रहता है। वे किसी भी बात के लिए पूछते हैं कि ऐसा क्यों होता है? क्या मैं इससे बेहतर कर सकता हूँ? या इससे बेहतर क्या हो सकता है? वे प्रश्नों से लबालब भरे होते हैं, कभी-कभी वे अपने प्रश्नों से दूसरों को भी नाराज कर देते हैं।
प्यारे बच्चो, क्या तुम अनुमान लगा सकते हो कि अलेक्जेंडर ग्राहम बेल का सबसे अधिक लोकप्रिय छात्र कौन था? वह हेलेन कीलर थी, जो दृष्टिहीन तथा बधिर होने के साथ-साथ एक महान् लेखिका, समाजसेविका तथा कवयित्री थीं। महान् वैज्ञानिक छोटी-से-छोटी घटनाओं से भी अत्यधिक प्रेरित होते हैं। वे असफलता को सफलता प्राप्ति की एक सीढ़ी के रूप में प्रयोग कर लेते हैं।
युवाशक्ति के प्रेरणास्रोत डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का आपसे आग्रह है कि अपना छोटा सा लक्ष्य चुनें, अपने भीतर एक नई ऊर्जा का संचार करें और एक ऊँची उड़ान भरने के लिए उद्यत हो जाएँ।
यह पुस्तक छात्रों-युवाओं में कुछ नया करने की प्रेरणा देती है, ताकि नवाचार और आविष्कार कर हम समाज को बेहतर बनाने में कुछ योगदान दे सकें।
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अनुक्रम
मेरी बात—5
प्राकथन—17
आभार—25
1. रोबोट विज्ञान (Robotics)—29
2. वैमानिकी (Aeronautics)—51
3. रोग विज्ञानी (Pathologist)—73
4. अंतरिक्ष विज्ञानी (Space Scientist)—103
5. तंत्रिका विज्ञानी (Neuroscientist)—127
6. पदार्थ-विज्ञानी (Material Scientist)—158
7. जीवाश्म-विज्ञानी (Palaeontologist)—183
चित्र साभार—199
सृजन पाल सिंह को भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद में सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी के रूप में स्वर्णपदक प्रदान किया गया। वे छात्र परिषद् के प्रमुख भी रहे। वर्तमान में वे पुरा (PURA) को टिकाऊ विकास प्रणाली के रूप में विकसित करने के लिए डॉ. कलाम के साथ कार्य कर रहे हैं।
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डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत के यशस्वी वैज्ञानिकों में से एक तथा उपग्रह प्रक्षेपण यान और रणनीतिक मिसाइलों के स्वदेशी विकास के वास्तुकार हैं। एस.एल.वी.-3, ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ उनकी नेतृत्व क्षमता के प्रमाण हैं। उनके अथक प्रयासों से भारत रक्षा तथा वायु आकाश प्रणालियों में आत्मनिर्भर बना।
अन्ना विश्वविद्यालय में प्रौद्योगिकी तथा सामाजिक रूपांतरण के प्रोफेसर के रूप में उन्होंने विद्यार्थियों से विचारों का आदान-प्रदान किया और उन्हें एक विकसित भारत का स्वप्न दिया। अनेक पुरस्कार-सम्मानों के साथ उन्हें देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया।
संप्रति : भारत के राष्ट्रपति।