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यात्राशास्त्र पर वैसे अब तक बहुत लिखा गया है, पर ट्रैकिंग पर यह कृति अद्वितीय है। अपनी जान जोखिम में डालकर ऐसी दुर्गम यात्राओं पर निकल पड़ना कम जीवट का काम नहीं।
प्रस्तुत पुस्तक में अनेक लोमहर्षक पद-यात्राओं का वर्णन है। ‘आदि कैलास-ओम् पर्वत ट्रैक’, ‘डोडीताल ट्रैक’, ‘काक भुशुंडिताल ट्रैक’, ‘काफनी-पिंडारी-सुंदरडुंगा ट्रैक’ आदि अनेक अनुभव पाठक को रोमांचित करते हैं। यह कार्य सबसे कठिन है। पर अब ट्रैकिंग या पर्वतारोहण की परंपरा धीरे-धीरे बढ़ रही है, इस दृष्टि से यह पुस्तक बहुत कुछ अनुभवों और अनुभूतियों के द्वार खोलती है। यह नई चुनौतियाँ प्रस्तुत करती है। नए लोगों के लिए ट्रैकिंग के अनेक सुझावों से पुस्तक की उपयोगिता और भी बढ़ गई है।
निस्देंह हिंदी साहित्य में यह कृति एक बहुत बड़े अभाव की पूर्ति भी करेगी। जो जातियाँ खतरा उठाना जानती हैं, वे ही संसार में कुछ नया रचने में सफल होती हैं।
नई पीढ़ी नई चुनौतियों के साथ आगे बढ़ रही है। हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करानेवाले नवयुवक एवं नवयुवतियाँ उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं। आज आवश्यकता है उन्हें प्रेरित करने के लिए ऐसे प्रयासों की। आशा है, यह पुस्तक नई पीढ़ी को ही नहीं, अन्य लोगों को भी प्रभावित एवं प्रेरित करेगी।
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अनुक्रमणिका
दो शब्द —७
भूमिका—९
आभार—११
लेखकीय—१३
१. पर्यावरण—१९
२. प्रदूषण रोकने के कुछ उपाय—२३
३. आदि कैलास-ओम पर्वत ट्रैक—२६
४. डोडी ताल ट्रैक—४९
५. फूलों की घाटी-हेमवुंक्तड साहिब—७०
६. काफनी-पिंडारी-सुंदरडुंगा ग्लेशियर ट्रैक—८९
७. चंबा से धर्मशाला ट्रैक—११९
८. काकभुशुंडि ताल ट्रैक—१३५
९. धर्मसुरा (व्हाइट सेल) की ओर—१४७
१०. सियाचिन ग्लेशियर—१७०
११. ट्रैकिंग पर जानेवालों के लिए कुछ सुझाव एवं आवश्यक सामानो की सूची —१९०
जन्म : 15 दिसंबर, 1949 को मैठाणा गाँव, पट्टी-इडवालस्यूं, पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड) में।
शिक्षा : बी.ए., एल-एल.बी., मेरठ विश्वविद्यालय, उ.प्र.।
वर्ष 1987 में पहली लंबी दूरी का ट्रैकिंग अभियान 1477 कि.मी., 51 दिन में ‘लेह-लद्दाख से बदरीनाथ’ तक; मार्च 1992 में एडवेंचर क्लब की स्थापना की तथा सचिव पद पर रहते हुए 16 और ट्रैक किए।
प्रकाशन : ट्रैकिंग पर पहली पुस्तक ‘हिमालय की श्रृंखलाओं में मेरे ट्रैकिंग अभियान।’
सम्मान : ट्रैकिंग तथा पर्वतारोहण के लिए 1992 में तत्कालीन रक्षामंत्री श्री शरद पवार द्वारा सम्मानित; 1994 में चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ स्व. श्री बी.सी. जोशीजी द्वारा सम्मानित; 2003 में साहित्य समन्वय मंच, दिल्ली द्वारा सम्मानित; दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षितजी द्वारा ‘बाल एवं किशोर साहित्य’ के लिए सम्मानित।
संप्रति : दिल्ली में एडवोकेट के रूप में सेवारत।
संपर्क : डब्ल्यु.बी-211, गणेश नगर-2, शकरपुर, दिल्ली-110092