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रोहतांग पास में बहुत ऊँचाई तक उसे लेकर गया था। मैं अच्छी तरह जानता था कि प्रीति की इन सबमें कोई रुचि नहीं। उसने सिटी बस ड्राइवर राजा का साथ चाहा था। राजा के बाहु, उसकी जाँघें उसे चाहिए, यह मैं जानता था। उसे बार-बार विश्वास दिलाकर आगे, और आगे लेकर गया। उसके साथ एक नया खेल रचा; ‘दूर घाटी के जल-प्रपातों को जरा गिनो तो देखूँ’, कहकर एक नया खेल रचा। वास्तव में वहाँ जल-प्रपात नहीं थे। वह और भी आगे जाकर देखने लगी। मैं अपना हाथ और भी आगे बढ़ाकर उसे विश्वास दिलाते हुए ‘दुबारा गिन’ कहते हुए उसे किनारे तक बुला लाया। वह तन्मयता से खड़ी होकर जल-प्रपातों को ढूँढ़ने गई और तभी मैंने उसे जोर से ढकेल दिया। महीन पत्थरों पर खड़ी वह संतुलन खो कर फिसल गई, घाटी में चार सौ मीटर नीचे गिर पड़ी, फिर मैं ही चीख पड़ा, चिल्लाया—‘आओ प्रिया, पे्रम यात्रा पर निकल चलें!’
यह उपन्यास एक सच्ची घटना पर केंद्रित है। मैसूर केएक नव-विवाहित प्रेमी युगल को पात्र बनाकर रची इस कथा केआधार पर करीब आज से 35 वर्ष पूर्व बनी कन्नड़ फिल्म दर्शकों का आकर्षण और प्रेमादर प्राप्त कर कई संस्करणों में छपी और पाठकों के बीच खूब लोकप्रिय हुई।
प्रेम और अपनत्व के साथ ही घृणा और प्रतिशोध की ज्वाला से धधकता एक पठनीय मर्मस्पर्शी उपन्यास।
नागतिहल्ली चंद्रशेखर
जन्म : सन् 1958 में कर्नाटक, जिला-मंड्या, ग्राम-नागति हल्ली।
व्यक्तित्व : कहानीकार, उपन्यासकार, शीर्ष लेखक, अध्यापक, फिल्म तथा छोटे परदे के निर्देशक, प्रकाशक एवं ग्राम विकास के चिंतक बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी नागति हल्ली चंद्रशेखर का कन्नड़ साहित्य और सिनेमा में एक बड़ा नाम है।
कृतित्व : 40 साहित्यिक रचनाएँ। 15 फिल्मों और छोटे परदे की 10 सारणियों का निर्देशन। विभिन्न भाषाओं में उनकी रचनाएँ अनूदित।
शिक्षा : 1985 मैसूर विश्वविद्यालय से कन्नड़ एम.ए. में प्रथम रैंक तथा प्रथम श्रेणी।
सम्मान पुरस्कार : वर्ष 1995, 1997, 1999 में स्वरचित फिल्मों पर राष्ट्रीय पुरस्कार ; हा.मा.ना. सम्मान ; कर्नाटक के धर्मस्थल में संपन्न सर्वधर्म सम्मेलन के उद्घाटक ; आलवास नुडिसिरि सम्मान ; प्रो. ए.स.वी. परमेश्वर भट्ट साहित्य पुरस्कार ; मुंबई आलेख भारत कन्नड़ सांस्कृतिक सम्मेलन के अध्यक्ष ; एम.आर.वी.एल. सम्मेलन सम्मान ; राष्ट्रीय फिल्म सम्मान स्पर्धा के निर्णायक , केन्या के विश्व कन्नड़ संस्कृति सम्मेलन के अध्यक्ष ; मैसूर विश्वविद्यालय द्वारा गौरव डॉक्टरेट ; भारतीय फिल्मों की ‘ऑस्कर’ सम्मान चयन समिति के सदस्य।