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दौलत कुछ चुनिंदा लोगों का अधिकार नहीं, आपका भी जन्मसिद्ध अधिकार है। डॉ. जोसेफ मर्फी की इस विख्यात पुस्तक की सहायता से आप यह जान लेंगे कि उस अधिकार को वास्तविकता में कैसे बदलें। जीवन में सफलता की प्रेरक और सशक्त सच्ची घटनाओं से भरी यह पुस्तक आपको सच्ची दौलत के रहस्यों को खोलना और उस संपत्ति, सत्ता और समृद्धि का स्वाभाविक रूप से आनंद उठाना सिखाएगी, जिसके आप हकदार हैं। बस आपको डॉ. मर्फी की चिरपरिचित जमीनी, व्यावहारिक सलाहों पर चलना है, और आप यह जान लेंगे कि कैसे—
उस चामत्कारिक शक्ति का उपयोग करें, जो आपको अमीर बनाती है।
संपत्ति के अपने लक्ष्यों को कई गुना बढ़ाएँ और उन्हें तुरंत प्राप्त करें।
अपने आप को धन-चुंबकत्व से कैसे आवेशित करें।
जीवन भर के लिए अकूत धनसंग्रह की योजना कैसे बनाएँ।
उस सारे धन का आनंद कैसे उठाएँ, जो आपको चारों ओर है।
चाहे आप अपनी वर्तमान संपत्ति में कई गुना वृद्धि का प्रयास कर रहे हैं या अपने पहले बड़े मौके की तलाश में हैं, ‘आप भी अमीर बन सकते हैं’ आपको बेहिसाब दौलत की राह पर ले जानेवाली सीधी, असरदार तरकीबों को बताती है।
जोसेफ मर्फी का जन्म 20 मई, 1898 को आयरलैंड में हुआ था। वे अमेरिकी लेखक और नव विचारों के पादरी थे। बीस वर्ष की उम्र को पार करने और पादरी बनने से पहले प्रार्थना से चंगा करने के उनके अनुभव ने उन्हें ईसाइयों को छोड़ने और अमेरिका जाने के लिए प्रेरित किया, जहाँ न्यूयॉर्क शहर में वे एक फार्मासिस्ट बन गए।
मर्फी भारत आए और भारतीय साधु-संतों के साथ काफी समय बिताते हुए हिंदू दर्शन के बारे में जाना। 1940 के दशक के बीच में वे लॉस एंजेल्स चले गए, जहाँ उनकी मुलाकात धार्मिक विज्ञान के संस्थापक अर्नेस्ट होम्स से हुई। उन्होंने लॉस एंजेल्स स्थित धार्मिक विज्ञान संस्थान में अध्यापन भी किया।
उनकी कुछ प्रमुख रचनाओं में शामिल हैं—‘योर इनफानाइट पावर टु बी रिच’ (1966), ‘द कॉस्मिक पावर विद इन यू’ (1968), ‘द हीलिंग पावर ऑफ लव’ (1958), ‘स्टे यंग फॉरएवर’ (1958), ‘व्हील्स ऑफ ट्रुथ’ (1946), ‘सुप्रीम मिस्ट्री ऑफ फियर’ (1946) इत्यादि।