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IAS हमारे देश की सबसे प्रतिष्ठित और दुनिया की सबसे कठिन परीक्षा में से एक है। माफ कीजिए, मैं कहना चाहूँगा कि यह परीक्षा एवरेस्ट फतेह से भी ज्यादा कठिन है; यही इस परीक्षा की खूबी भी है। इसके चयन के अग्निपथ जैसे तीन दौरों—प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार—से तपकर जो उम्मीदवार बाहर निकलता है, वह सच्चा हीरा होता है।
इस परीक्षा में सफलता के लिए कोई सीधी एंट्री नहीं है। अगर आप प्रारंभिक परीक्षा में विफल हो जाते हैं या अंतिम परीक्षा साक्षात्कार में—आपको शुरुआत शून्य से ही, यानी प्रारंभिक परीक्षा से ही करनी होगी। कई बार पहले अवसर में ही साक्षात्कार तक को क्रेक कर लेनेवाले उम्मीदवार हो सकता है कि अगली बार प्रारंभिक परीक्षा में ही विफल होकर बाहर हो जाएँ।
शॉर्टकट में यकीन रखनेवाले, अधीर व अगंभीर लोगों के लिए यह परीक्षा नहीं है। यह तो ऐसे लोगों की दरकार रखती है, जो चोटी बाँधकर अध्ययन में यकीन करते हों। व्यवस्थित, अनुशासित और दृढ संकल्प से ओत-प्रोत उम्मीदवार ही इसकी सफलता का स्वाद चख पाते हैं—आखिर देश को इन गुणों से पूरित अधिकारियों की ही आवश्यकता होती है।
जिन उम्मीदवारों में उपर्युक्त गुणों का प्राचुर्य हो, यदि उन्हें सही मार्गदर्शन मिल जाए तो वे निश्चित ही ढ्ढ्नस् क्रेक कर लेते हैं। इस पुस्तक को ऐसे ही योग्य और उपयुक्त उम्मीदवारों के लिए तैयार किया गया है। हमें उम्मीद ही नहीं, ठोस भरोसा है कि यह पुस्तक निश्चित ही ढ्ढ्नस् बनने के लिए सत्यनिष्ठ और कृत संकल्पित उम्मीदवारों के लिए उपयोगी मार्गदर्शक का कार्य करेगी।
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अनुक्रम
अपनी बात — 7
1. राष्ट्रसेवा की धुरी IAS — 11
2. IAS : प्रारंभिक परीक्षा — 29
3. प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी — 37
4. IAS की तैयारी में एन.सी.ई.आर.टी. 57
की पुस्तकों की भूमिका
5. IAS : मुख्य परीक्षा की तैयारी — 59
6. IAS परीक्षा के लिए समय प्रबंधन — 70
7. IAS बनने का लूप्रिंट — 77
8. मुख्य परीक्षा के तौर-तरीके — 91
9. IAS : साक्षात्कार — 101
10. IAS की तैयारी में कोचिंग का महव — 124
11. ग्रामीण उम्मीदवार IAS की तैयारी कैसे करें? — 126
12. बेहतर अंक पाने के सूत्र — 130
13. प्रेरक कहानियाँ — 146
14. क्या कहते हैं IAS टॉपर — 169
15. IAS परीक्षा : कुछ उपयोगी सुझाव — 171
पटना विश्वविद्यालय से गणित (ऑनर्स), जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर, दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में एम.फिल.।
मुकेश कुमार ने राज्य स्तर पर भी वाद-विवाद और भाषण प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किए और राष्ट्रीय स्तर पर पटना विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया।
2008 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चुन लिये गए। दिल्ली विश्वविद्यालय में सबसे अधिक अंक हासिल कर एम.फिल. की उपाधि हासिल की।
2009 बैच के झारखंड कैडर के आईएएस मुकेश कुमार की पहली पोस्टिंग पाकुर में एसडीओ और एसडीएम के रूप में हुई। तदनंतर उन्होंने झारखंड में तीन जिलों में जिला कलेक्टर और उपायुक्त के रूप में काम किया। वर्तमान में वे हजारीबाग के उपायुक्त हैं। स्वच्छ भारत अभियान में अग्रणी भूमिका निभानेवाले मुकेश कुमार को ‘पेंट माय सिटी अभियान’ से पहचान मिली। पहला आईएसओ सर्टीफाइड कलेक्ट्रेट और सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित अनेक नवीन परियोजनाओं का श्रेय उन्हें जाता है।