अपने दीर्घ सार्वजनिक जीवन में लेखक ने जो अनुभूत किया, उन व्यावहारिक अनुभवों, सीखों और कथनों पर केंद्रित सामाजिक, धार्मिक और राष्ट्रीय महžव के ये आलेख जीवन के विविध पक्षों पर विहंगम दृष्ट डालते हैं, जैसे— ध्यान, योग, प्राणायाम, स्वास्थ्य, पूजा पद्धति, वर्तमान शिक्षा, सूर्य उपासना, चरित्र निर्माण, स्वावलंबन, वास्तु, टेलीपैथी, प्रबंध, आत्मविश्वास आदि। यह पुस्तक युवाओं को सश€त, आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी व सफल बनाने के लिए प्रयासी कार्यशैली और सूत्र बताती है। स्वयं की न्यूनताओं को चि ह्नत कर, उन्हें दूर कर अपनी क्षमताओं और संभावनाओं का विकास कर जीवन में सफलता का प्रशस्त करनेवाली पठनीय कृति।