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काव्य मानव जीवन का उत्सव है और प्रकृति काव्य की आत्मा। बिना प्रकृति के मानव का जीवन अपंग जैसा ही है। मानव केवल चेतनता के साथ ही जन्म नहीं लेता, वरन् वह जड़ व चेतन दोनों की अनुपम देन है। प्राचीनकाल से ही प्रकृति मानव जीवन में रची-बसी है। प्राकृतिक सौंदर्य मानव को अलौकिक आनंद प्रदान करता है।
प्रकृति के विभिन्न उपादान, यथा—रात्रि, प्रभात, पुष्प, पक्षी, जल, अंधकार, प्रकाश, समुद्र, शिला, सुगंध आदि कितने रूपों में हमारे सामने अपनी स्नेहमयी छाया बिखेरे हुए हैं। सब अपने में कितने अलौकिक गुण सहेजे हुए हैं। इनको अलग-अलग महसूस करने पर कुछ भाव मन में उठे, जो स्वतः शब्दों में ढल कविता का चोला पा गए।
इन कविताओं में विभिन्न क्षणों के विभिन्न रंग हैं। देशभक्ति का रंग है तो देश की दुर्दशा पर विलाप भी। अंतर से निकली सहानुभूति भूखे, नंगे से तादात्म्य स्थापित करने में सक्षम है। ‘अभिनव संग्रह’ की कविताएँ हृदयस्पर्शी होने के साथ-साथ विचारोत्तेजक भी हैं। भाषा भावों एवं विचारों का अनुगमन करती है। सहज भाषा में बड़ी बात कही गई है। प्रतीकों का भी प्रयोग हुआ है। विश्वास है, हिंदी जगत् में इस कविता संकलन का भरपूर स्वागत होगा।
शिक्षा : एम.ए. (हिंदी, राजनीति-शास्त्र), एम.एड., पी-एच.डी. (हिंदी)।
रचना-संसार : ‘अभिनव संग्रह’ (कविता-संग्रह), ‘रामचरित मानस और रघुवंश’ (एक तुलना), ‘यथार्थ की चादर’ (उपन्यास), ‘कोहरे में किलकारी’, ‘मुझे घर ले चलो’, ‘जिज्ञासु बच्चे’ (कहानी-संग्रह), ‘हिंदी का वैश्विक परिदृश्य, हिंदी : दशा और दिशा’, ‘प्रेमचंद की स्त्री विमर्श की कहानियाँ’, ‘प्रेमचंद के सांस्कृतिक मूल्यों की कहानियाँ’ (संपादन) एवं पत्र-पत्रिकाओं में अनेक रचनाएँ प्रकाशित।
विश्व हिंदी सम्मेलन 2015, भोपाल में सहभागिता। ग्रीन सिटी वेलफेयर सोसाइटी, हल्द्वानी की अध्यक्षा।
सम्मान-पुरस्कार : काव्य साधक सम्मान, डॉ. राम गोपाल चतुर्वेदी सम्मान, सारस्वत संभयार्चना पुरस्कार, साहित्य उपलब्धि सम्मान, उद्भव साहित्य सम्मान, साहित्य सेवा सम्मान, मानव सेवा सम्मान, साहित्य शिरोमणि सम्मान, उ.प्र. हिंदी संस्थान का पं. बद्री प्रसाद शिंगलू स्मृति सम्मान, सावित्री सक्सेना स्मृति साहित्य सम्मान एवं अन्य सम्मान।
पेशे से शिक्षिका, अध्ययन-अध्यापन, सामाजिक क्षेत्र में क्रियाशील।
कृतित्व : शोध प्रबंध शीघ्र प्रकाश्य।