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Adarsh Patra Lekhan   

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Author Shyam Chandra Kapoor
Features
  • ISBN : 9788189573225
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Shyam Chandra Kapoor
  • 9788189573225
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2020
  • 224
  • Hard Cover
  • 300 Grams

Description

दूरवर्ती लोगों तक अपने विचार पहुँचाने का सबसे सुगम, सबसे सस्ता और सबसे पुराना साधन है पत्र-व्यवहार। सुगमता तथा सस्तेपन के अतिरिक्त पत्र-व्यवहार मेुं एक विशेषता यह भी है कि इसके द्वारा मनुष्य अपनी इच्छा के अनुसार—संक्षेप या विस्तार से —अपने विचार प्रकट कर सकता है। साथ ही यह विचार-प्रकटन अपेक्षाकृत व्यवस्थित होता है।
‘पत्र’ शब्द संस्कृत की ‘पत्’ धातु में ‘ष्ट्रन्’ प्रत्यय के योग से बना है, जिसका मूल अर्थ है पत्ता। वृक्ष से टूटकर पत्ता जब पृथ्वी पर गिरता है तो ‘पत्’ जैसी ध्वनि होती है। इसी आधार पर उसका नाम ‘पत्ता’ रखा गया था।
आज के जीवन में पत्रों का महत्त्व किसी से छिपा नहीं है। आज व्यापार, विपणन, बिलों का भुगतान, शादी-ब्याह, आमंत्रण, नौकरी, सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालयों आदि अनेक क्षेत्रों में आएदिन पत्र लिखने की आवश्यकता पड़ती है। भारत-भर में डाक विभाग का विस्तार, डाक सामग्री की अनाप-शनाप बिक्री, डाकियों के हाथों में चिट्ठियों के बड़े-बड़े पुलिंदे आदि इसके प्रत्यक्ष प्रमाण हैं
पत्रों की इस महत्ता का देखते हुए ही विभिन्न पाठ्यक्रमों में पत्र-लेखन का भी महत्वपूर्ण स्थान है। इसका एक कारण और भी है कि व्यंवस्थित पत्र लिखना कोई आसान काम नहीं है। पत्र लिखना भी एक कला है, जिससे सभी प्रबुद्धों को परिचित रहना चाहिए। इस कला का विकास अच्छे पत्र पढ़ने और अभ्यास करने से होता है।
—इसी पुस्तक से

The Author

Shyam Chandra Kapoor

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