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Adbhut Sannyasi (Hindi): The Legendary Warrior Bhagwan Parshuram Who Redefined Justice | Biography of Lord Paraśurāma Hindi   

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Author Rajeev Sharma
Features
  • ISBN : 9789390378906
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Rajeev Sharma
  • 9789390378906
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2024
  • 168
  • Soft Cover
  • 200 Grams

Description

यह गाथा है एक निस्पृह योगी की, चिरंजीवी तपस्वी की, कठिनतम कर्तव्यरत निर्विकार पुरुषार्थी की, अपराजेय योद्धा की।
वे आवेशावतार नहीं थे, न ही अंशावतार। क्रोधावतार कहकर उन्हें सीमित नहीं किया जा सकता।
आज तक पृथ्वी पर उनके शौर्य की झलक है, वह उनकी साक्षात् उपस्थिति में कितनी प्रभावी रही होगी। वे उस भृगुकुल के भूषण थे, जिसकी महिमा का विस्तार पवित्र नदियों और समुद्रों, पर्वतों और गहन वनों में विद्यमान असंख्य आश्रमों में ही नहीं संपूर्ण त्रैलोक्य में था, भगवान् विष्णु के वक्षस्थल से लेकर हिमगिरि में भृगु शिखर तक। मदांध सत्ता की कुटिलता के विरुद्ध जनप्रतिरोध का प्रबलतम स्वर हैं परशुराम। आजकल के कथित लोकतंत्रों के जन्म के युगों पूर्व वे तंत्र पर लोक के प्रभावी नियंत्रण के अधिष्ठाता हैं। यदि भारतीय चेतना यूरोपीय प्रभुत्व की बंधक न हुई होती तो स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय के लिए मानवीय संघर्ष की गाथा परशुराम से प्रारंभ हुई होती; कथित फ्रांसीसी क्रांति से नहीं।

The Author

Rajeev Sharma

राजीव शर्मा
जन्म : रंगपंचमी 1965 को ‘किरण-निवास’, भिंड (म.प्र.) में।
आजीविका : भारतीय प्रशासनिक सेवा में।
साहित्यिक : तीन कविता-संग्रह ‘उम्र की इक्कीस गलियाँ’ (2000), ‘धूप के ग्लेशियर’ (2001) तथा ‘प्रिज्म’ (2007)। मंडला जिले पर ‘युगयुगीन मंडला’ (2010)।
छायांकन : कान्हा और बांधवगढ़ के जंगलों में सौ से ज्यादा प्रजातियों का छायांकन। गिर के सिंहों, मदुमलाई-बाँदीपुर के बाघों, चंबल के घडि़यालों, सुंदरवन सतपुड़ा, कॉर्बेट, पेंच, मेलघाट सहित दुनिया भर के अभ्यारण्यों का सान्निध्य।
छायाचित्र  प्रदर्शनी  ‘Birds  of Bandhavgarh’.
अभिरुचियाँ : वन्य जीवन, ग्रामीण विकास, जनजातीय मुद्दों, जल संवर्धन, जैव विविधता, हस्तशिल्प में मैदानी कार्य। 
विदेश यात्रा : संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, थाईलैंड, यूरोप।
विशेषज्ञता : मानव संसाधन प्रबंधन, ग्रामीण विकास।
शीघ्र प्रकाश्य : ओ...शो (आचार्य रजनीश के जीवन पर)
बांधवगढ़ की चिरइयाँ, बांधवगढ़ के राजा बाघ।
संप्रति : आयुक्त, हथकरघा एवं हस्तशिल्प।
इ-मेल : rajeev.poet@gmail.com

 

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