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अढ़ाई आखर' एक ऐसी गाथा है, जिसमें नायक एक साधारण परिवेश से उभरकर जीवन में लोकसेवा के अपने शीर्ष स्तर पर पहुँचता है। एक सकारात्मक रुख बनाए रखने की उसकी कला ने बहुआयामी प्रभाव उत्पन्न किए। व्यावसायिक जीवन को आधार बनाते हुए विभिन्न परिस्थितियों में प्रबंधन की विषमताओं के साथ-साथ मानवीय संवेदनाओं के आयामों को यह गाथा बखूबी उजागर करती है।