₹400
डॉ. नेपोलियन हिल के लेखन को जानने के बाद यह जानना आसान हो जाता है कि ज्यूडिथ विलियमसन ने जीवन की संपदाओं से भरपूर पुस्तक के लिए ‘अधिकतम सफलता’ नाम यों चुना? डॉ. हिल ने तेरह वर्ष की अल्पायु में, दक्षिण-पश्चिम वर्जीनिया के पर्वतों पर रहते हुए अपना लेखन आरंभ किया और आनेवाले सात दशकों तक अपनी लेखन प्रतिभा का शानदार परिचय दिया। उन्होंने अपने प्रमुख लेखन में जिन व्यतियों पर अध्ययन और शोध किया, मानो उनके जीवन में से सोना प्राप्त करने के लिए खदानें खोद दीं। उनके प्रमुख कार्यों में ‘लॉ ऑफ ससेस और थिंक ऐंड ग्रो रिच’ को शामिल कर सकते हैं। उनके संपूर्ण लेखन से उनके पाठकों ने यह अनमोल विरासत पाई।
अगर आप ‘नेपोलियन हिल : अधिकतम सफलता’ में सुश्री विलियमसन द्वारा दिए गए लेखों को पढ़ेंगे तो निश्चित रूप से इनका लाभ पा सकेंगे। इनमें से कुछ नियम आपकी सफलता की यात्रा में काम आनेवाले हैं। अगर आपको पूरी पुस्तक को पढ़कर लगे कि आपके गुणों में किसी एक गुण विशेष, जैसे लोच आदि की कमी आ रही है तो आपको उस अध्याय को एक बार फिर से पूरी तरह पढ़ना चाहिए, ताकि आप अपने व्यवहार में वांछित बदलाव ला सकें और आप भी सोने की इस खदान से अपने लिए संपदा चुन सकें। अधिकतम सफलता के लिए प्रेरित करने वाली एक पठनीय पुस्तक।
नेपोलियन हिल
सन् 1883 में वर्जीनिया में पैदा हुए। बड़े व्यवसायियों के सलाहकार, लेक्चरर और लेखक के रूप में सफल तथा लंबा कॅरियर बिताने के बाद सन् 1970 में उन्होंने दुनिया से विदा ली।
‘सोचो और धनी बनो’ उनके लेखक-जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण पड़ाव रहा, जो पुस्तक सार्वकालिक बेस्टसेलर साबित हुई। दुनिया भर में इस पुस्तक की डेढ़ करोड़ प्रतियाँ बिक चुकी हैं। ऑर्थर आर. पेल ने ‘थिंक ऐंड ग्रो रिच’ (सोचो और धनी बनो) का संशोधन किया। उन्होंने प्रबंधन, मानवीय संबंध और कॅरियर योजना पर कई पुस्तकें और लेख लिखे हैं। उनकी पुस्तकों में प्रसिद्ध हैं ‘दि कंप्लीट इडियट्स गाइड टू मैनेजिंग पीपल’ और ‘दि कंप्लीट इडियट्स गाइड टू टीम बिल्डिंग’।