ह पुस्तक चार अध्यायों में विभक्त है : प्रथम अध्याय में हिंदी भाषा में उपलब्ध सभी ध्वनियों एवं उनके लिखित रूप अक्षरों एवं संयुक्ताक्षरों की लेखन विधि, उच्चारण एवं उनसे शब्द-निर्माण की व्याख्या की गई है, ताकि हिंदीतरभाषी भारतीय एवं विदेशी परीक्षार्थी उनकी स्पष्ट समझ के साथ-साथ कम-से-कम समय में उनका अभ्यास कर उनपर अधिकार कर सकें। दूसरे अध्याय में सभी प्रकार के शब्दों की प्रकृति, निर्माण एवं पहचान की व्याख्या के साथ-साथ वाक्य गठन के दौरान लिंग, वचन विभक्ति, काल आदि के प्रभाव से उनमें होनेवाले रूप परिवर्तन को विवेचित-विश्लेषित किया गया है। तीसरे अध्याय में हिंदी भाषा में उपलब्ध सभी प्रकार के वाक्यों के गठन के अंतर्निहित नियमों को विश्लेषित किया गया है। वाक्य किसी भाषा के दैनिक प्रयोग की सबसे महत्त्वपूर्ण इकाई हैं और सभी प्रकार के अधिक-से-अधिक वाक्यों के निरंतर अभ्यास से ही भाषा का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। चौथे अध्याय में उपसर्ग, प्रत्यय, संधि एवं समास समाहित हैं : व्याकरण पुस्तकों की महत्ता विषय के चयन में नहीं उनकी सुबोध एवं सुग्राह्य प्रस्तुति में होती है। व्याकरण की सार्थकता इसमें है कि वह साध्य नहीं, अपितु भाषा की सम्यक् समझ एवं प्रयोग का साधन बने।
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Contents(विषय-सूची) | |
Section (खंड) —1 | 5. Habitual Past Tense (नित्य भूत काल) — Pg. 72 |
1. Alphabet (वर्णमाला) — Pg. 19 | 6. Habitual Present Tense : Pattern II |
3. Vowels (स्वर) — Pg. 19 | (नित्य वर्तमान काल : नमूना-2) — Pg. 74 |
4. Consonants (व्यंजन) — Pg. 20 | 7. Present Continuous Tense |
5. Pronunciation of Vowels (स्वर वर्णों के उच्चारण) — Pg. 22 | (तात्कालिक या सातत्यबोधक वर्तमान काल) — Pg. 75 |
6. Pronunciation of Consonants (व्यंजन वर्णों के उच्चारण) — Pg. 23 | 8. Past Continuous Tense (तात्कालिक या सातत्यबोधक भूत काल) — Pg. —76 |
7. Mode of writing : Vowels & Consonants | 9. Past Indefinite Tense (अनिश्चयवाचक भूत काल) — Pg. 76 |
(लेखन-विधि : स्वर व्यंजन) — Pg. 26 | 10. Present Perfect Tense (पूर्ण वर्तमान काल या आसन्न भूत काल) — Pg. 81 |
8. Some Practical hints for writing Hindi Letters | 11. Past Perfect Tense (पूर्ण भूत काल) — Pg. 83 |
(हिंदी अक्षरों को लिखने के लिए कुछ व्यावहारिक संकेत) — Pg. 29 | 12. Presumptive Past Tense (अनुमानवाचक भूत काल) — Pg. 85 |
9. Combind Letters (संयुताक्षर) — Pg. 30 | 13. Presumptive Present Tense (अनुमानवाचक वर्तमान काल) — Pg. 87 |
10. Use of Anuswar (अनुस्वार के प्रयोग) — Pg. | 14. Conditional—Contingent Past Tense (शर्तबोधक भूत काल) — Pg. 88 |
11. Pronunciation of Anuswar (अनुस्वार का उच्चारण) — Pg. 32 | 15. Future Tense (भविष्यत काल) — Pg. 90 |
12. Anuswar & Anunasik (अनुस्वार और अनुनासिक) — Pg. 33 | 16. Mood (क्रिया भाव) — Pg. 92 |
13. Pronunciation of Hindi Words (हिंदी शदों का उच्चारण) — Pg. 33 | 17. Subject + को Construction (कर्ता + को वाय संरचना) — Pg. 99 |
Section (खंड) —2 | 18. Voice (कर्म वाच्य) — Pg. 103 |
Parts of Speech (शद-भेद) | 19. Natural Passive Verbs or Original Passive Verbs |
1. Noun (संज्ञा) — Pg. 41 | (कर्म वाच्य की मौलिक क्रियाएँ) — Pg. 111 |
2. Pronoun (सर्वनाम) — Pg. 42 | 20. Impersonal Voice (भाव वाच्य) — Pg. 113 |
3. Adjective (विशेषण) — Pg. 48 | 21. Number (वचन) — Pg. 114 |
4. Verb (क्रिया ) — Pg. 52 | 22. Case : Oblique Form (कारक : तिर्यक रूप) — Pg. 118 |
5. Adverb (क्रियाविशेषण) — Pg. 54 | 23. Gender (लिंग) — Pg. 119 |
6. Post-Positon (संबंधबोधक अव्यय) — Pg. 58 | 24. Case and Case Endings (कारक और विभतियाँ) — Pg. 122 |
7. Conjunction (समुच्चयबोधक अव्यय) — Pg. 61 | 25. Obligue Forms of Pronouns (सर्वनामों के तिर्यक रूप) — Pg. 134 |
8. Interjection (विस्मयादिबोधक अव्यय) — Pg. 61 | 26. Participles (कृदंत विशेषण) — Pg. 138 |
Section (खंड) —3 | 27. Verbal Nouns (क्रियार्थक संज्ञाएँ) — Pg. 140 |
Various Sentence Patterns & Some Other Aspects of Grammar | 28. Causative Verbs (प्रेरणार्थक क्रियाएँ) — Pg. 142 |
(विविध वाय संरचनाएँ और कुछ अन्य व्याकरणिक पहलू) | 29. Compound Verbs (संयुत क्रियाएँ) — Pg. 152 |
1. Infinitives and Root Verb (अनियत क्रियाएँ और मूल क्रियाएँ) — Pg. 65 | 30. Narration (कथन) — Pg. 159 |
2. Present, Past and Future Tense in Active Voice | Section (खंड) —4 |
(वर्तमान, भूत और भविष्यत काल के कर्तृवाच्य की मुय वाय-संरचनाएँ) — Pg. 68 | 1. Prefixes & Suffixes (उपसर्ग और प्रत्यय) — Pg. 163 |
3. Present Indicative sentence pattern | 2. Compounds (समास) — Pg. 174 |
(वर्तमान सूचक वाय संरचना) — Pg. 69 | 3. Sandhi (संधि) — Pg. 181 |
4. Present Indefinite Tense (अनिश्चयवाचक वर्तमान काल) — Pg. 70 |
डॉ. बी. एन. पाण्डेय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की शोधवृत्ति के अंतर्गत पटना विश्वविद्यालय से हिंदी में पी-एच.डी. प्राप्त की। राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत हिंदी प्राध्यापक एवं सहायक निदेशक के रूप में कार्य करते हुए 25 वर्षों तक कोलकाता, इंफाल, चेन्नई एवं तिरुचिरापल्लि में हिंदीतरभाषी अधिकारियों व कर्मचारियों को हिंदी का प्रशिक्षण दिया। राजभाषा विभाग के क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय, गुवाहाटी, भोपाल एवं कोलकाता में सहायक निदेशक/उपनिदेशक के रूप में कार्य करते हुए पूर्वोत्तर, मध्य एवं पूर्व भारत के 16 राज्यों में स्थित केंद्र सरकार के कार्यालयों, उपक्रमों एवं बैंकों में राजभाषा हिंदी के कार्यान्वयन का पर्यवेक्षण किया।
लेखन : अद्यतन हिंदी व्याकरण,
प्रयोजनमूलक हिंदी व्याकरण, कार्यालयीन पत्राचार एवं टिप्पणी लेखन, The Female Eagle, अद्यतन हिंदी-अंग्रेजी स्वशिक्षक (दो भागों में), मादा बाज़ (कहानी संग्रह)।