₹600
पुस्तक 'ऐ मेरे प्यासे वतन' नई पीढ़ी के लिए जल संरक्षण का पासवर्ड है। जलगुरु महेंद्र मोदी ने अपने अवकाश के दिनों में लगातार जल संरक्षण की विभिन्न विधाओं और तकनीकों पर व्यावहारिक रिसर्च करके जल अभाव की विकराल समस्या का पूर्ण समाधान दिया है। प्रदूषण रहित, किफायती, सरल तकनीक व रख-रखाव की सुगमता आम आदमी की जरूरतें हैं। कानूनी तौर पर तो जल संरक्षण सबके लिए अनिवार्य है, लेकिन आम आदमी किसके पास जाए ? मितव्ययी तरीके कहाँ से सीखे ? कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए पेरिस समझौता 2015 व बाद के निर्धारित लक्ष्यों को कैसे प्राप्त करे ? इन सभी समस्याओं का समाधान लेखक की पुस्तकों में है।
लेखक ने पेयजल तथा वर्षाजल के उपयोगी प्रबंधन के लिए मितव्ययी, प्रदूषणमुक्त, कम जमीन व कम समय में सुखद परिणाम देनेवाले व्यावहारिक व कार्यरत मॉडल दिया। इस मॉडल से पूरे देश को वर्तमान प्रणाली की अपेक्षा अत्यंत कम खर्च में पेयजल उपलब्ध कराना तथा अर्थोपार्जन संभव है। इस मॉडल को अपनाने से पूरे देश को लगभग 2.5 से 5 खरब किलोवाट बिजली की बचत प्रतिवर्ष होगी ।
पुस्तकें पढ़ें, जल संरक्षण सिस्टम स्वयं बनाएँ और अपनी प्यारी संतानों को सबसे महत्त्वपूर्ण उपहार दें - 'जल सुरक्षा कवच' का।