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Akela Aadmi (Kahani Nitish Kumar ki)   

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Author Sankarshan Thakur
Features
  • ISBN : 9789351861652
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Sankarshan Thakur
  • 9789351861652
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2015
  • 288
  • Hard Cover
  • 350 Grams

Description

नीतीश कुमार सन् 1974 में विश्वविद्यालय में पढ़नेवाले एक युवा ही थे, तभी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ पटना की सड़कों पर जनांदोलन शुरू हो गया। आंदोलन बढ़ता गया और देश भर में फैल गया। छात्र, राजनेता, मजदूर और पुराने राजा-महाराजा—सब आंदोलन में शामिल हो गए। इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा कर भारत के लोकतंत्र पर बड़ा आघात किया। युवा संकर्षण ठाकुर तब स्कूल में ही पढ़ते थे और इन घटनाओं को चुपचाप देखा करते थे। वह समय, जब जनता आदर्शवाद के सपने देखने लगी थी, गुजर गया, उसके बाद दशक गुजर गए और सारे सपने राख हो गए। हालाँकि उस राख से एक ऐसा नेता निकला, जिसने बिहार का स्वरूप बदल दिया और उसे देश की सबसे संपन्न अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करा दिया। बिहार में लालूप्रसाद यादव के अंधकारमय, नैराश्यपूर्ण और अराजक शासन के बाद बिहार को नीतीश कुमार के रूप में सभ्य, आधुनिक और काम करनेवाला मुख्यमंत्री मिला। उनके नेतृत्व में बिहार ने हर क्षेत्र में जबरदस्त कामयाबी हासिल की। हालाँकि, उनकी इस यात्रा में कई कमियाँ भी हैं। क्या नीतीश कुमार सफल होंगे या असफल हो जाएँगे? नीतीश कुमार आज जो हैं, वो कैसे बने? वे हैं कौन? इस पुस्तक में समकालीन राजनीति के छल-कपट, रिपोर्ताज, किस्सागो और विश्लेषण दिए गए हैं; जिनके बीच नीतीश कुमार देश के एक अँधेरे कोने से उभरे 
और पुंज बनकर चमके। संकर्षण ठाकुर ने नीतीश कुमार के जटिल व्यक्तित्व की परतें निपुणतापूर्वक और आकर्षक रूप से खोली हैं।

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अनुक्रम
नीतीश कुमार का कालानुक्रम — Pgs. 7
लेखकीय — Pgs. 9
आभार — Pgs. 13
1. भले छुटकारे की ओर वापसी — Pgs. 17
2. कुछ हो रहा है, कुछ नहीं हो रहा — Pgs. 37
3. निर्मल और धुन का पक्का घुमक्कड़ — Pgs. 64
4. लालू के लिए, अनिच्छा से — Pgs. 101
5. अनिच्छुक विद्रोही — Pgs. 129
6. दूसरा सतीश कुमार — Pgs. 144
7. गलत शुरुआत — Pgs. 156
8. नया बिहार — Pgs. 182
9. उपयोगी व्यक्ति — Pgs. 208
10. बाबूजी धीरे चलना — Pgs. 218
11. — Pgs. एक बड़ी लड़ाई — Pgs. 240
उपसंहार — Pgs. 266

The Author

Sankarshan Thakur

संकर्षण ठाकुर का जन्म सन् 1962 में पटना में हुआ। सन् 1984 से उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्त्व के विषयों पर अनेक प्रकाशनों के लिए रिपोर्ट भेजने और लिखने का कार्य व्यापक स्तर पर किया है। वह लालू यादव की राजनीतिक जीवन-गाथा ‘Subaltern Saheb’ के रचयिता हैं और वर्तमान में ‘The Telegraph’ के घुमंतू संपादक के रूप में कार्य करते हैं।

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