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वर्ष 2000 में सिडनी के ओलंपिक खेलों के बाद पहलवान महावीर फोगाट ने ऐसा निर्णय लिया, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। दो दिनों तक वह अपने आँगन में अखाड़े के लिए मिट्टी खोदते रहे और उनके पड़ोसी हैरानी से उन्हें देखते रहे। फिर एक दिन उन्होंने अपनी युवा बेटियों और भतीजे-भतीजियों को सुबह होते ही वहाँ बुलाया। वे जानती तक नहीं थीं कि उनके पिता का अजीबोगरीब फरमान हमेशा के लिए उनके जीवन को बदल देगा।
फिर भी अखाड़े में उनकी हर एक जीत के लिए उनके पिता को अपने अरमानों की एक बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। कन्या भ्रूण हत्या और निम्न साक्षरता दर के लिए कुख्यात हरियाणा के उसे छोटे से गाँव बलाली में फोगाट को न केवल जड़ें जमाकर बैठे सामाजिक द्वेष और उदासीन सरकार का सामना करना पड़ा, बल्कि अपने खेल में उन लड़कियों को प्रशिक्षित करने का नुकसान परिवार में विरोध और निजी त्रासदी के रूप में भी सहना पड़ा।
‘अखाड़ा’ असीम धैर्य वाले एक व्यक्ति, एक ऐसे पिता की अद्भुत कहानी है, जिसने सारी मुश्किलों से लड़कर अपनी बेटियों को ऐसा भविष्य दिया, जिसे उन्होंने कभी अपने सपने में भी नहीं देखा होगा।
लड़कियों के लिए बराबरी का हक देने व समाज में लड़कों के समतुल्य बनाने को महज शब्दों में नहीं वरन् अपने कर्तृत्व में प्रकट करनेवाले अदम्य इच्छाशक्ति के धनी महावीर फोगाट की प्रेरणाप्रद जीवनी।
इसी व्यक्तित्व पर केंद्रित आमिर खान अभिनीत फिल्म ‘दंगल’ ने कामयाबी का नया इतिहास लिखा।
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अनुक्रम
भूमिका — Pgs. 7
आभार — Pgs. 13
प्रथम खंड
शुरुआती दिन
1. स्कूली जीवन — Pgs. 21
2. अखाड़ा — Pgs. 29
3. मैच, जिसने महावीर का जीवन ही बदल दिया — Pgs. 39
4. एक नया कॅरियर — Pgs. 46
5. राजनीति का अखाड़ा — Pgs. 54
द्वितीय खंड
प्रशिक्षण के वर्ष
1. निर्णय — Pgs. 63
2. पारिवारिक गतिरोध के दो वर्ष — Pgs. 71
3. सशत टॉस्कमास्टर — Pgs. 82
4. दंगल — Pgs. 100
5. अनुज राजपाल का निधन — Pgs. 112
तृतीय खंड
उत्कृष्टता के शिखर पर
1. रिकॉर्ड तोड़ने का सिलसिला — Pgs. 123
2. ट्रेनिंग कैंप — Pgs. 133
3. कॉमनवेल्थ खेल — Pgs. 144
4. शोहरत और सौभाग्य — Pgs. 157
5. भविष्य की झलक — Pgs. 164
उपसंहार — Pgs. 174
सौरभ दुग्गल ‘हिंदुस्तान टाइम्स’, चंडीगढ़ में विशेष संवाददाता हैं। ओलंपिक खेलों की स्पर्धाओं पर उनकी अच्छी पकड़ है। उन्होंने इस समाचार-पत्र के लिए सन् 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स और सन् 2012 के लंदन ओलंपिक की खबरें दीं। उन्हें प्रतिष्ठित इनक्लूसिव मीडिया यू.एन.डी.पी. फेलोशिप-2015 के लिए चुना गया, जिसमें उनके अध्ययन का विषय था, ‘ग्रामीण हरियाणा में सामाजिक उत्थान, आर्थिक परिवर्तन और महिलाओं के सशक्तीकरण के साधन के रूप में खेलों की भूमिका’।