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‘अलाव’ युवा संपादक हिमांशु द्विवेदी के लेखों, साक्षात्कारों का संग्रह मात्र नहीं है, बल्कि एक निरंतर जागरूक और जलती हुई संवेदनाओं की समसामयिक प्रतिक्रियाओं का संगम भी है। हालाँकि संपादकीयों की भाषा एवं शैली सामान्यत: संतुलित, तार्किक तथा भावुकता से बचती हुई ठंडे चिंतन की भाषा होती है, लेकिन हिमांशु द्विवेदी के इन लेखों, संपादकीयों में तार्किकता एवं गहरे सरोकारों के साथ तीखी अभिव्यक्ति भी है। अभिव्यक्ति के इस तीखे, दो-टूकपन को तरुणाई की विशेषता कहा जा सकता है। प्रस्तुत संग्रह के लेखों में लेखक का प्रिय औजार है समसामयिक घटनाओं और व्यक्तित्वों को पौराणिक संदर्भों में देखने और प्रस्तुत करने की उनकी विशेषता।
‘अलाव’ में संकलित टिप्पणियाँ, जीवन-वृत्त, आलेख एवं साक्षात्कार सुधी पाठक के अंतस को गहरे तक स्पर्श कर पाएँगे, हमारा विश्वास है।
डॉ. हिमांशु द्विवेदी
जन्म : 4 मार्च, 1973 को ग्वालियर में।
शिक्षा : स्नातकोत्तर (पत्रकारिता), पत्रकारिता में पी-एच.डी.।
कृतित्व : 1990 में सत्रह वर्ष की आयु से ‘आज’ ग्वालियर से पत्रकारिता की शुरुआत; इसके पश्चात् कई महत्त्वपूर्ण समाचार-पत्रों में संपादकीय एवं प्रबंधकीय दायित्व निभाए। प्रखर वक्ता एवं राजनीतिक विश्लेषक के रूप में पहचान। 1995 में देश के ‘सर्वश्रेष्ठ युवा वक्ता’ के रूप में चयनित होकर जापान के छह शहरों में भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति पर व्याख्यान। थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, नेपाल, स्कॉटलैंड, इंग्लैंड, अमेरिका आदि देशों की यात्राएँ। जून 2007 में अमेरिकी प्रशासन के ‘इंटरनेशनल विजिटर लीडरशिप प्रोग्राम’ के अंतर्गत अमेरिका और इंग्लैंड की 35 दिन की यात्रा।
भारत के राष्ट्रपति द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित ‘माधवराव सप्रे राष्ट्रीय सम्मान’ से विभूषित।
संप्रति : ‘हरिभूमि’ समाचार-पत्र समूह के प्रधान संपादक।
संपर्क : गुरसुख विला, शगुन फॉर्म के सामने, एयरपोर्ट रोड, रायपुर (छ.ग.)।
इ-मेल : dwivedih7@gmail.com