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माँ भारती के सपूतों की स्वर्णमयी नामावली में ‘सुखदेव’ एक ऐसा नाम है, जिनके प्रति प्रत्येक भारतीय सहज ही श्रद्धानत हो उठता है। सुखदेव ऐसे महान् क्रांतिकारी थे, जिन्होंने भारतीय युवा क्रांति को नेतृत्व दिया। उन्होंने अंग्रेजों के अत्याचार, शोषण और दमन के विरुद्ध खुला युद्ध आरंभ कर दिया था।
सुखदेव ने पंजाब की पावन भूमि पर ऐसे वातावरण में जन्म लिया, जब भारतीय जन पराधीनता की बेडि़यों में जकड़े विदेशी शासन के अत्याचारों का शिकार हो रहे थे। चारों ओर अंग्रेजों के शोषण और कुकृत्यों के बीच मर्मांतक चीत्कारें ही सुनाई पड़ती थीं। असहाय जनमानस अंग्रेजों के हाथों का पिट्ठू बनकर रह गया था। इस तरह की घटनाओं को सुखदेव ने बड़ी निकटता से देखा था और बाल्यावस्था से ही उनके मन में अंग्रेजों से प्रतिकार लेने की भावना बलवती हो उठी थी।
प्रस्तुत पुस्तक अमर क्रांतिकारी सुखदेव में उनके विराट् व्यक्तित्व, जीवनशैली और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान पर दृष्टिपात किया गया है। उनके महान् जीवनचरित्र से जुड़ी अनेक महत्त्वपूर्ण घटनाओं को संक्षिप्त, सरल एवं सरस भाषाशैली में प्रस्तुत किया गया है।
किशोर, युवा और सभी आयु वर्ग के पाठकों के लिए प्रेरणाप्रद व उपयोगी पुस्तक।
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सूची-क्रम
क्रांतिकारी सुखदेव : चाणय भी, चंद्रगुप्त भी—5
1. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि—9
2. जन्म एवं बाल्यावस्था—14
3. शिक्षा-दीक्षा—19
4. नेशनल कॉलेज में—33
5. भारत नौजवान सभा—43
6. हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपलिक सेना—56
7. साइमन कमीशन—60
8. सांडर्स की हत्या—64
9. असेंबली बम कांड—72
10. सुखदेव की गिरतारी—81
11. जेल में भूख हड़ताल—93
12. लाहौर षड्यंत्र केस—101
13. अदालत से क्रांति प्रचार—117
14. लक्ष्य की प्राप्ति—123
जन्म : 2 जून, 1967 को ग्राम लाँक, जिला शामली, उत्तर प्रदेश में।शिक्षा : स्नातक (उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद)।
कृतित्व : ‘हरियाणा हैरिटेज’ में संपादन कार्य किया। दिल्ली के कई प्रतिष्ठित प्रकाशन संस्थानों के लिए वैतनिक एवं स्वतंत्र रूप से संपादन-लेखन कार्य; विभिन्न प्रकाशन संस्थानों से अब तक लगभग 65 पुस्तकें प्रकाशित। देश की सामाजिक समस्याओं पर 10 कहानियाँ एवं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में राजनीतिक-सामाजिक विषयों पर अनेक लेख प्रकाशित।