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"आधुनिक भारत के निर्माण पर डॉ. बी.आर.आंबेडकर ने व्यापक प्रभाव डाला है। हालाँकि उनकी विरासत को हाशिए, पर धकेल दिया गया और संस्थागत रूप से उनकी उपेक्षा की गई।
यह पुस्तक एक विनम्र माध्यम है, जो राष्ट्र-निर्माण की प्रक्रिया में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के योगदान को रेखांकित करती है। उनके कई विचार और समाधान हमारे शासन के प्रतिमान को आज भी परिभाषित कर रहे हैं, विशेष रूप से जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उनकी विरासत को पुनर्जीवित करना सुनिश्चित किया जा रहा है।
यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बाबासाहेब के आदर्शों के अनुसार भारत के विकास की कहानी की मिलती-जुलती बातों का अध्ययन करती है। यह उन दो महान् व्यक्तित्वों के बीच स्पष्ट दिखने वाली समानता को भी सामने लाती है, जो सभी बाधाओं के बाद भी सफल हुए और उन दमघोंटू सामाजिक संरचनाओं को खत्म करने की दिशा में काम किया, जिनका अनुभव उन्होंने स्वयं करीब से किया था।
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