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वालेस डी. वॉटल्स ने संसार को सकारात्मक सोच की शक्ति से परिचित कराया। अपनी पुस्तक में वॉटल्स मानव मन की शक्ति पर जोर देते हैं कि हमारे सोचने का तरीका धन को हमारे करीब ला सकता है या उसे दूर कर सकता है। उनका कहना है कि ऐसे कुछ नियम हैं, जिनका धन कमाने की प्रक्रिया पर नियंत्रण होता है। एक बार इन नियमों का पालन कर लिया जाए तो कोई भी व्यक्ति निश्चित रूप से अमीर बन सकता है। अतः धन कमाने के नियम को उनसे जानिए, अमीर बनने के रहस्य को जानिए, जिसकी शुरुआत आप जहाँ हैं, वहीं से होती है और जो कुछ आपके पास है, उसी से होती है। अमीर बनने का विज्ञान इस रहस्य को बताता है कि दौलत को व्यावहारिक तरीके से, इच्छा के अनुसार और किसी प्रकार की होड़ किए बिना ही, जीवन के साथ स्नेह और सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखकर हासिल किया जा सकता है। अमीर बनने का यह विज्ञान के 100 वर्षों से भी अधिक समय बाद भी प्रासंगिक बना हुआ है।
जब तक किसी व्यक्ति के पास पर्याप्त पैसा नहीं है, तब तक वह अपनी प्रतिभा या सोच के सर्वोच्च स्तर तक नहीं पहुँच सकता है, क्योंकि मन और प्रतिभा के विकास के लिए उसके पास इस्तेमाल की चीजें होनी चाहिए, और जब तक उसके पास इनके लिए पैसा नहीं होगा, तब तक वह इन्हें खरीद नहीं सकता।
वॉलेस डी. वॉटल्स एक अमेरिकी न्यू थॉट लेखक थे। उनकी निजी जिंदगी पर तो ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन उन्हें व्यापक तौर पर पढ़ा गया है। वॉटल्स की सबसे प्रसिद्ध रचना सन् 1910 की ‘द साइंस ऑफ गेटिंग रिच’ पुस्तक है, जिसमें वे बताते हैं कि धनवान कैसे बना जा सकता है। वॉटल्स की बेटी फ्लोरेंस ए. वॉटल्स अपने पिता के जीवन के बारे में एक पत्र में बताती हैं, जो उनकी मृत्यु के कुछ ही दिनों बाद ‘नॉटिलस’ नाम की न्यू थॉट पत्रिका में छपा था, जिसकी संपादक थीं एलिजाबेथ टाउन। ‘नॉटिलस’ में इससे पहले लगभग हर विषय पर लिखे वॉटल्स के लेख छपे थे और टाउन ही उनकी पुस्तक की प्रकाशक थीं। फ्लोरेंस वॉटल्स ने लिखा था कि उनके पिता का जन्म सन् 1860 में अमेरिका में हुआ था। उनकी औपचारिक पढ़ाई मामूली थी और धन-संपत्ति की दुनिया से वे कोसों दूर थे।