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अभिनेता, निर्माता, निर्देशक आमिर खान के इतने रूप हैं कि इन्हें किसी एक पुस्तक में समेटना लगभग असंभव है। लेखक व फोटोग्राफर प्रदीप चंद्रा ने आमिर के कॅरियर की उस राह को समझने का दुर्गम प्रयास किया है, जिस पर चलकर वह भारतीय फिल्म कला में महत्तम योगदान देने के साथ ही बड़ी आबादी को प्रभावित करनेवाले व्यक्ति के रूप में उभरे।
यह पुस्तक लेखक की ओर से उस सुपर स्टार तथा उसके पीछे के व्यक्ति को एक भेंट है। आमिर के शुरुआती दिनों से ही उनकी तसवीरें लेनेवाले फोटोग्राफर चंद्र ने इसमें वे शानदार तसवीरें, पेंटिंग, स्कैच और अविस्मरणीय तसवीरें शामिल की हैं, जो आमिर की उनकी कला के प्रति गंभीरता व समर्पण दरशाती हैं। चंद्र ने आमिर के कॅरियर का अध्ययन उनकी यात्रा का निर्माण करने में महत्त्वपूर्ण रहे लोगों, स्थानों व हालात को समझने की दृष्टि से किया है। उन्होंने आमिर की उस तकनीक को खँगाला, जिससे उन्होंने इस अनुमान-आश्रित कारोबार में कला व व्यापार दोनों का मिश्रण कर आलोचकों को प्रसन्न करने के साथ ही दर्शकों को भी आकर्षित करने का असाधारण कार्य कर दिखाया।
इस पुस्तक की भूमिका के लेखक रजत शर्मा हैं।
प्रदीप चंद्र फोटोग्राफर होने के साथ ही लेखक और चित्रकार भी हैं। ये बतौर फोटो पत्रकार ‘दि इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया’, ‘दि इंडियन एक्सप्रेस’, ‘दि वीक’ और ‘द संडे ऑब्जर्वर’ जैसे कई समाचार-पत्रों से जुड़े रहे। इनके कुछ उल्लेखनीय कार्यों में कश्मीरी शरणार्थियों की दुर्दशा पर वृत्तचित्र ‘दि एलियन इनसाइडर्स’; राजस्थान की हवेलियों पर ‘हवेली ड्रीम्स’; ताजमहल होटल को श्रद्धांजलि तथा कमाठीपुरा के बच्चों पर एक प्रदर्शनी शामिल हैं। इन्होंने भारत विदेश में आयोजित कई आर्ट कैंपव ग्रुपशो में भी हिस्सा लिया है।
इससे पहले प्रदीप चंद्र ने एम.एफ. हुसैन व अमिताभ बच्चन पर कॉफी-टेबल पुस्तकें लिखी हैं। ये मुंबई में रहते हैं और संप्रति इस शहर पर एक पुस्तक लिख रहे हैं।