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अनामिका सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण काव्य-संग्रह है, जो हिंदी साहित्य में एक मील का पत्थर माना जाता है। यह संग्रह निराला की काव्यशक्ति, संवेदनशीलता और जीवन के गहरे अनुभवों को दर्शाता है। 'निराला' हिंदी साहित्य के महान कवियों में से एक हैं, जिनकी कविता में निरंतरता और विकास की गहरी प्रवृत्तियां मिलती हैं।
अनामिका में निराला की कविता ने समाज के असंतुलन, अन्याय और दुखों के प्रति अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनके शब्दों में एक अद्वितीय शक्ति और तीव्रता है, जो पाठकों को आत्मा तक छूने का सामर्थ्य रखती है। इस काव्य-संग्रह में निराला ने मानवीय संवेदनाओं, आस्थाओं और विडंबनाओं को चित्रित किया है