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Angrezi-Hindi Muhawara-Lokokti Kosh   

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Author Bhola Nath Tiwari
Features
  • ISBN : 9789352664726
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Bhola Nath Tiwari
  • 9789352664726
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 592
  • Hard Cover

Description

मुहावरे और लोकोक्‍त‌ियाँ प्रत्येक भाषा के प्राण होते है । इसीलिए किसी भाषा की समुचित जानकारी के लिए उसके मुहावरों और लोकोक्‍त‌ियों की जानकारी नितांत आवश्यक है । अनेकानेक दृष्‍ट‌ियों से हिंदीभाषी प्रदेशों में ,विदेशी भाषा होते हुए भी, अंग्रेजी का अपना अलग महत्त्व है; और हिंदी में सर्वाधिक अनुवाद अंग्रेजी से ही होते हैं । इन सबके बावजूद अभी तक अंग्रेजी-हिंदी मुहावरों-लोकोक्‍त‌ियों का कोई बड़ा कोश उपलब्ध नहीं था, जो हिंदीभाषियों को इन दोनों का समुचित ज्ञान करा सके और जिसके आधार पर अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद करनेवाले अनुवादक अपेक्षित सहायता प्राप्‍त कर सकें । इसी उद‍्देश्य से प्रस्तुत कोश तैयार किया गया है ।
निश्‍चय ही यह कोश हिंदी वाड्मय की एक बहुत बड़ी कमी को पूरा करता है । व्यक्‍त‌िगत उपयोग तथा पुस्तकालयों दोनों के लिए यह समान रूप से उपयोगी और संग्रहणीय है ।

The Author

Bhola Nath Tiwari

डॉ. भोलानाथ तिवारी ४ नवंबर, १९२३ को गाजीपुर (उ.प्र.) के एक अनाम ग्रामीण परिवार में जनमे डॉ. तिवारी का जीवन बहुआयामी संघर्ष की अनवरत यात्रा थी, जो अपने सामर्थ्य की चरम सार्थकता तक पहुँची। बचपन से ही भारत के स्वाधीनता-संघर्ष में सक्रियता के सिवा अपने जीवन-संघर्ष में कुलीगिरी से आरंभ करके अंततः प्रतिष्ठित प्रोफेसर बनने तक की जीवंत जय-यात्रा डॉ. तिवारी ने अपने अंतरज्ञान और कर्म में अनन्य आस्था के बल पर गौरव सहित पूर्ण की। हिंदी के शब्दकोशीय और भाषा-वैज्ञानिक आयाम को समृद्ध और संपूर्ण करने का सर्वाधिक श्रेय मिला डॉ. तिवारी को। भाषा-विज्ञान, हिंदी भाषा की संरचना, अनुवाद के सिद्धांत और प्रयोग, शैली-विज्ञान, कोश-विज्ञान, कोश-रचना और साहित्य-समालोचना जैसे ज्ञान-गंभीर और श्रमसाध्य विषयों पर एक से बढ़कर एक प्रायः ८८ ग्रंथरत्नों का सृजन कर उन्होंने कृतित्व का कीर्तिमान स्थापित किया।
६६ वर्ष की आयु में २५ अक्तूबर, १९८९ को उनका निधन हो गया।

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