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‘एनिमल फार्म’ जॉर्ज ऑरवेल का लाक्षणिक लघु उपन्यास है, जो उन घटनाओं का वर्णन करता है, जिनके कारण 1917 की रूसी क्रांति हुई और फिर सोवियत संघ में स्टालिन का युग आया। एक फार्म पर आधारित इस उपन्यास में उन पशुओं का विद्रोह होता है, जो मनुष्यों पर आधिपत्य चाहते हैं। मिस्टर जॉन्स के फार्म में रहनेवाले पशु मनुष्यों की सेवा करते-करते थक चुके हैं और उन्हें लगता है कि मनुष्यों द्वारा अपनी सारी आवश्यकताओं के लिए पशुओं का इस्तेमाल किया जाना घोर शोषण है। क्रांति की शुरुआत उस दिन होती है, जब मिस्टर जॉन्स पशुओं को चारा देना भूल जाते हैं। इसके बाद पशुओं ने नेपोलियन और स्नोबॉल नाम के दो सूअरों के नेतृत्व में मनुष्यों पर आक्रमण करने और फार्म पर कब्जा जमाने की योजना बना ली।
संवेदना और मर्म को स्पर्श करनेवाले विश्वप्रसिद्ध उपन्यास का सुंदर अनुवाद, जो पाठकों को बाँध लेगा।
25 जून, 1903 को मोतिहारी में जनमे जॉर्ज ऑरवेल एक अंग्रेजी उपन्यासकार, निबंधकार, पत्रकार और आलोचक थे। उनका मूल नाम एरिक आर्थर ब्लेयर था। उन्होंने बर्मा में इंपीरियल पुलिस में नौकरी की और फिर स्पेनी गृहयुद्ध के लिए रिपब्लिकन आर्मी में शामिल हो गए। ऑरवेल ने छह उपन्यासों के साथ ही अनेक निबंध और कथेतर साहित्य की रचना की। सुस्पष्ट गद्य, सामाजिक अन्याय के प्रति जागरूकता, सर्वसत्तावाद का विरोध और लोकतांत्रिक समाजवाद का मुखर समर्थन उनकी रचनाओं की विशिष्टता है।
ऑरवेल के लेखन में आलोचना, कविता, उपन्यास और कठोर शब्दों वाली पत्रकारिता शामिल रही। वे अपने लाक्षणिक लघु उपन्यास ‘एनिमल फार्म’ (1945) और निराशावादी परिस्थितियों को दरशाने वाले उपन्यास ‘नाइनटीन एटी फोर’ (1949) के लिए सुविख्यात हैं। जिस प्रकार राजनीति, साहित्य, भाषा और संस्कृति पर उनके लेखों की प्रशंसा हुई है, उसी प्रकार इंग्लैंड के उत्तर में मजदूर के रूप में जीवन जीने के उनके अनुभव को बतानेवाली ‘द रोड टू विगन पायर’ (1937) और स्पेनी गृह युद्ध में उनके अनुभवों का वर्णन करनेवाली ‘होमेज टु कैटालोनिया’ (1938) जैसी कथेतर रचनाओं की व्यापक सराहना हुई।