₹250
अंटार्कटिक पृथ्वी का दक्षिणतम एवं पाँचवाँ सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह चारों ओर से दक्षिण महासागर से घिरा हुआ है तथा विश्व का सबसे ठंडा, शुष्क और तेज हवाओं वाला महाद्वीप है। अंटार्कटिक को एक बर्फीला रेगिस्तान माना जाता है। अंटार्कटिक के कठिन वातावरण में ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन सदस्य वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए वहाँ पर बनाए गए स्टेशनों पर निवास करते हैं। भारत के लिए अंटार्कटिक के विशेष महत्त्व को ध्यान में रखकर ही सन् 1981 से हमारे वैज्ञानिकों का एक दल हर वर्ष वहाँ जाता है और अध्ययन एवं प्रयोग करता है। अंटार्कटिक में सर्दियाँ बिताना एक तरह से अंतरिक्ष यात्रा के अनुरूप माना जाता है, क्योंकि मिशन की अवधि, अति चरम वातावरण, एकाकीपन, मिशन से संबंधित कार्य-कलाप, अनिद्रा जैसे तमाम कारक लंबी अवधि की अंतरिक्ष उड़ान के समतुल्य होते हैं। इस पुस्तक में अंटार्कटिक वातावरण और अंतरिक्ष में रहने के दौरान शरीर पर पड़नेवाले प्रभाव को रोचक और सारगर्भित तथ्यों के साथ प्रस्तुत किया गया है। रॉबर्ट फाल्कन स्कॉट और रोल्ड अमंड्सन के दक्षिण ध्रुव पर पहले विजय प्राप्त करने की होड़ तथा दोनों के अभियानों को प्रबंधन की कुशलता की दृष्टि से विश्लेषित किया गया है। प्रस्तुत पुस्तक में हमने अंटार्कटिक के मौसम, भूगोल, जीव-जंतु, शीतदंश, ओजोन छिद्र की खोज, पोषण, भारत के वैज्ञानिक अभियान, योग द्वारा तनाव प्रबंधन तथा उस वातावरण में रहने का अनुभव आदि विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला है। आशा है, यह रोचक पुस्तक अंटार्कटिक में होनेवाले वैज्ञानिक अनुसंधानों को आम जनमानस तक पहुँचाने में सफल होगी।
______________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________
अनुक्रम
1. अंटार्कटिक खोज का इतिहास —Pgs. 7
2. दक्षिणी ध्रुव की दौड़ —Pgs. 13
3. अंटार्कटिक का मौसम —Pgs. 21
4. अंटार्कटिक का भूगोल —Pgs. 25
5. ओजोन छिद्र की खोज —Pgs. 33
6. सबसे ठंडे महाद्वीप में पाए जानेवाले जीव-जंतु —Pgs. 38
7. मानव शरीर पर किए गए शोध —Pgs. 43
8. हाइपोथर्मिया —Pgs. 46
9. अंटार्कटिक शोध और अंतरिक्ष —Pgs. 54
10. संतुलित आहार और पोषण —Pgs. 57
11. भारत के रिसर्च स्टेशन —Pgs. 65
12. अंटार्कटिक की कहानी, एक वैज्ञानिक की जुबानी —Pgs. 70
13. भारत के वैज्ञानिक अभियान —Pgs. 91
14. अंटार्कटिक संधि और विश्व —Pgs. 97
15. अंटार्कटिक के बारे में रोचक तथ्य —Pgs. 106
16. अंटार्कटिक में तनाव प्रबंधन में योग का उपयोग —Pgs. 108
डॉ. शशी बाला सिंह वर्तमान में हैदराबाद में राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (NIPER) की निदेशक हैं। इससे पहले वे महानिदेशक (जीवन विज्ञान), DRDO और DRDO की दो लैबोरेट्रीज, दिहर, लेह और DIPAS, दिल्ली की निदेशक थीं। उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली से पी-एच.डी. और भारतियर विश्वविद्यालय, कोयंबतूर से फिजियोलॉजी में डी.एस-सी. डिग्री प्राप्त की। उन्होंने शरीर विज्ञान के उन्नयन हेतु अथक योगदान दिया है। डॉ. सिंह नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, भारत और इंडियन एकेडमी ऑफ न्यूरोसाइंस की चुनी हुई फेलो हैं। कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में संपादकीय लिखती हैं। उनकी तीन पुस्तकें और 170 से अधिक शोधपत्र प्रकाशित हुए हैं।
डॉ. के.पी. मिश्रा वर्तमान में महानिदेशक जीवन विज्ञान, डीआर डीओ-मुख्यालय, नई दिल्ली में वैज्ञानिक-ई के रूप में कार्यरत हैं। इससे पहले वे दिल्ली के DIPAS में थे। उनके अनुसंधान का क्षेत्र इम्यूनोफिजियोलॉजी, वायरल इम्यूनोलॉजी और इम्यूनोमॉड्यूलेशन है। उन्हें नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेस, भारत और नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेस, भारत का सदस्य चुना गया है। वे कई पत्रिकाओं के संपादकीय बोर्ड के पैनल पर हैं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में उनके 65 से अधिक शोधपत्र प्रकाशित हुए हैं।