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अंतरिक्ष तकनीक ने मानव-जीवन में महान् परिवर्तन ला दिए हैं। अंतरिक्ष तकनीकी के उपयोगों में सबसे महत्त्वपूर्ण उपयोग चिकित्सा क्षेत्र से संबंधित है। सभी अस्पतालों में धड़ल्ले से प्रयोग में लाए जा रहे पेसमेकर का विकास मूल रूप से अंतरिक्ष के क्षेत्र में कक्षा का चक्कर लगा रहे उपग्रहों के स्वास्थ्य और प्रचालन स्थिति को मॉनीटरन करने के लिए किया गया था। मधुमेह से पीड़ित मरीजों को शरीर के अंदर स्थापित इंसुलिन पंपों के द्वारा काफी राहत मिली है।
ऑस्टोपोरोसिस क्रमवीक्षण और अस्थि अनुसंधान उपकरणों का विकास उस तकनीकी के आधार पर किया गया है, जिसके अंतर्गत अंतरिक्ष के शून्य गुरुत्व में लंबे समय तक रहने से अंतरिक्ष यात्रियों में अस्थि घनत्व क्षति का मॉनीटरन किया जाता था। फायर-प्रूफ वस्त्र और फायर-फाइटर्स सूटों का निर्माण अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए अत्यधिक मजबूत अग्नि-प्रतिरोधी पदार्थों से किया गया है।
इसके अलावा अंतरिक्ष तकनीकी का सबसे बड़ा उपयोग उपग्रह संचार प्रणाली है। आज अंतरिक्ष में भ्रमण कर रहे अनेक संचार उपग्रहों ने सारे विश्व को अपने संचार नेटवर्क से जोड़ दिया है। उपग्रहों ने पृथ्वी के प्रत्येक इंच स्थान को मानचित्रित कर लिया है।
अंतरिक्ष अन्वेषण मिशनों द्वारा मानव को ग्रहों, पर्यावरण, सौर तंत्र और ब्रह्मांड के विषय में महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त हुई हैं।
विश्वास है, यह रोचक पुस्तक विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं शोधार्थियों सहित सभी वय के पाठकों को अंतरिक्ष संबंधी ज्ञान का विपुल भंडार प्रदान करेगे।
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अनुक्रम
1. क्या-क्या आशाएँ हैं अंतरिक्ष से — Pgs. 13
2. अंतरिक्ष कार्यक्रम के दैनिक उपयोग — Pgs. 17
3. अंतरिक्ष अन्वेषण—मुनाफे का सौदा — Pgs. 24
4. स्पेस शटल तकनीक पर विकसित किया गया ‘हृदय पंप’ — Pgs. 37
5. कैंसर के इलाज में अंतरिक्ष तकनीक — Pgs. 42
6. क्या कृत्रिम उपग्रह भूकंपों के पूर्वानुमान में सहायक हो सकेंगे? — Pgs. 48
7. अंतरिक्ष पर्यटन और अंतरिक्ष उद्योग — Pgs. 62
8. सौर ऊर्जा उपग्रह—अंतरिक्ष के विशाल ऊर्जा भंडार — Pgs. 80
9. सुदूर शिक्षण-सूचना प्रौद्योगिकी एवं उपग्रह संचार प्रणाली
का मिला-जुला संगम — Pgs. 93
10. अंतरिक्ष के पारितोषिक — Pgs. 101
11. अंतरिक्ष तकनीक के कुछ अति विशिष्ट उपयोग — Pgs. 109
12. आनेवाले कल के चिकित्सा तंत्र में अंतरिक्ष तकनीक के प्रभाव — Pgs. 114
13. अंतरिक्ष बस्तियों का जीवन — Pgs. 117
14. अपोलो परियोजना, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन अल्फा एवं
स्पेस शटल के मानव कल्याणकारी योगदान — Pgs. 123
अतिरिक्त पठन सामग्री — Pgs. 130
मोतीलाल नेहरू रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से बी.ई. एवं रुड़की विश्वविद्यालय से एम.ई. की उपाधियाँ प्राप्त।
कृतित्व : अब तक अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित लगभग ग्यारह पुस्तकें प्रकाशित।
पुरस्कार-सम्मान : उत्तर प्रदेश सरकार का ‘संपूर्णानंद पुरस्कार’, राजभाषा विभाग का ‘इंदिरा गांधी पुरस्कार’ तथा इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के ‘राष्ट्रपति पुरस्कार’ से पुरस्कृत। ‘सर्टिफिकेट ऑफ मेरिट’ एवं इसरो (ISRO) की ओर से ‘डिस्टिंग्विश्ड अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित। ऑल इंडिया सोसाइटी फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कंप्यूटर टेक्नोलॉजी संस्था द्वारा ‘डॉ. सी.वी. रमण तकनीकी लेखन पुरस्कार’ से पुरस्कृत।
संप्रति : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में वरिष्ठ संचार इंजीनियर के पद से सेवानिवृत्त होकर विज्ञान-लेखन में रत।