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Antim Satya Tatha Anya Kahaniyan   

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Author Himanshu Joshi
Features
  • ISBN : 9789387968622
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Himanshu Joshi
  • 9789387968622
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2019
  • 192
  • Hard Cover

Description

प्रसिद्ध कथाकार हिमांशु जोशी की इन कहानियों में वैविध्य देखने को मिलता है। अचरज होता है-इतना वैविध्य एक ही व्यक्ति की रचनाओं में एक साथ कैसे संभव हो सकता है? छह दशक से अधिक के अपने कहानी लेखन में हिमांशु जोशी ने लगभग दो सौ कहानियाँ लिखीं। कई स्तरों को छूती आम आदमी की इन कहानियों में अदृश्य आग है, तपिश है, पीड़ा है, छटपटाहट है, और घुटन भी है। दर्द की ये तसवीरें मनुष्य-मन की व्यथा ही नहीं, आज के जी रहे मानव के अंतहीन अंतर्विरोधों को भी उजागार करती हैं।
कहानी मात्र कहानी न रहकर एक यथार्थ भी बन जाए, यह स्वयं में कम बड़ी उपलब्धि नहीं। जिए हुए यथार्थ की ये कहानियाँ कहानियाँ ही नहीं, दस्तावेज भी हैं–विसंगतियों से जूझ रहे अभिशप्त आदमियों के लिए। कहानी शुरू तो कहीं से भी हो सकती है यहाँ, लेकिन प्रायः इन कहानियों का अंत मास्टर स्ट्रोक के साथ होता है।
 सुप्रसिद्ध कथाकार कमलेश्वर ने हिमांशु जोशी के विषय में लिखा है कि ‘स्वातंत्र्योत्तर हिंदी कहानी को हिमांशु जोशी की कहानियों के बगैर पहचाना नहीं जा सकता। हिंदी कहानी ने जितनी भी रचनात्मक मंजिलें तय की हैं, उन रचनायात्राओं और मंजिलों पर हिमांशु जोशी की कोई-न-कोई कहानी साथ चलती या मंजिल पर मौजूद मिलती है।'

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अनुक्रम

भूमिका —Pgs. 5

1. समिधा —Pgs. 11

2. गिरगिट के रंग —Pgs. 19

3. रक्त, रेत और हरियाली —Pgs. 24

4. कागज के टुकड़े —Pgs. 31

5. आधा दिन : आधी रात —Pgs. 35

6. परिव्राजक की प्रजा —Pgs. 40

7. माया —Pgs. 44

8. कपास के फूल —Pgs. 53

9. अंतिम सत्य —Pgs. 61

10. रक्त रंग —Pgs. 71

11. पच्चीसवाँ घंटा —Pgs. 80

12. यह भी होता है —Pgs. 86

13. दो हाथ जमीन —Pgs. 97

14. अनागरिका —Pgs. 103

15. ईसा का कफन —Pgs. 111

16. एक बुरी लड़की —Pgs. 116

17. पतझड़, परछाईं और प्रकाश —Pgs. 126

18. एक भी बूँद रक्त —Pgs. 134

19. अपराधी —Pgs. 138

20. यादों का एलबम —Pgs. 142

21. कहानी नहीं —Pgs. 148

22. आओगे न! —Pgs. 152

23. तीसरे क्षितिज तक —Pgs. 155

24. एक और आकाश —Pgs. 161

25. विभु काका —Pgs. 167

26. उठता हुआ धुआँ —Pgs. 171

27. गठरी —Pgs. 176

28. उजास कहाँ है —Pgs. 179

29. तुम्हारे शहर में —Pgs. 188

The Author

Himanshu Joshi

हिमांशु जोशी जन्मः4 मई, 1935, उत्तराखंड।
कृतित्व : यशस्वी कथाकारउपन्यासकार। लगभग साठ वर्षों तक लेखन में सक्रिय रहे। उनके प्रमुख कहानी-संग्रह हैं-'अंततः तथा अन्य कहानियाँ', 'मनुष्य चिह्न तथा अन्य कहानियाँ', 'जलते हुए डैने तथा अन्य कहानियाँ', 'संपूर्ण कहानियाँ, ‘रथचक्र', ‘तपस्या तथा अन्य कहानियाँ', ‘सागर तट के शहर' 'हिमांशु जोशी की लोकप्रिय कहानियाँ' आदि।
प्रमुख उपन्यास हैं-'अरण्य', ‘महासागर', 'छाया मत छूना मन’, ‘कगार की आग', 'समय साक्षी है', 'तुम्हारे लिए', ‘सुराज', 'संपूर्ण उपन्यास'। वैचारिक संस्मरणों में उत्तर-पर्व' एवं 'आठवाँ सर्ग' तथा कहानी-संग्रह ‘नील नदी का वृक्ष' उल्लेखनीय हैं। ‘यात्राएँ', 'नॉर्वे : सूरज चमके आधी रात' यात्रा-वृत्तांत भी विशेष चर्चा में रहे। उसी तरह काला-पानी की अनकही कहानी 'यातना शिविर में भी। समस्त भारतीय भाषाओं के अलावा अनेक रचनाएँ अंग्रेजी, नॉर्वेजियन, इटालियन, चेक, जापानी, चीनी, बर्मी, नेपाली आदि भाषाओं में भी रूपांतरित होकर सराही गईं। आकाशवाणी, दूरदर्शन, रंगमंच तथा फिल्म के माध्यम से भी कुछ कृतियाँ सफलतापूर्वक प्रसारित एवं प्रदर्शित हुईं। बाल साहित्य की अनेक पठनीय कृतियाँ प्रकाशित हुईं। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय अनेक सम्मानों से भी अलंकृत।
स्मृतिशेष: 23 नवंबर, 2018, दिल्ली।

 

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