₹400
इक्कीसवीं सदी पूर्णत: विज्ञान की सदी है। विज्ञान के क्षेत्र में अनेकानेक अन्वेषण हो रहे हैं। अंतरिक्ष अन्वेषण अब एक महत्त्वपूर्ण विषय बन गया है। इस क्षेत्र में आज तक ब्रह्मांड के अनेक पिंडों—सूर्य, बुध, शुक्र, पृथ्वी का चंद्रमा, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस, नेप्चून, प्लेटो तथा अन्य अनेक क्षुद्र ग्रहों और पुच्छलतारों के लिए अभियान भेजे गए हैं। अंतरिक्ष स्टेशनों ने अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में विशेष भूमिका निभाई है।
सूर्य ऊर्जा का अकूत भंडार है, अत: इसके अध्ययन के लिए अनेक मिशन भेजे गए हैं। अनेक वर्षों से क्षुद्र ग्रहों के अन्वेषण में अनेक कार्य किए जा रहे हैं। ‘मंगल ग्रह फीनिक्स मशीन’ मंगल ग्रह की सतह पर उतर चुकी है और उसने मंगल ग्रह की अभूतपूर्व जानकारी भेजनी शुरू कर दी है। अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए सबसे अहम होता है स्पेस शटल यानी ‘अंतरिक्ष यान’।
‘अंतरिक्ष के रोचक अभियान’ में विभिन्न रोमांचक और दिलचस्प अंतरिक्ष अभियानों की विस्तृत जानकारी अत्यंत सरल भाषा में दी गई है। आशा है, इससे सुधी पाठकों का अंतरिक्ष संबंधी ज्ञानवर्द्धन होगा।
पं. गोविंद बल्लभ पंत इंजीनियरिंग कॉलेज, पौड़ी गढ़वाल से कंप्यूटर साइंस ऐंड इंजीनियरिंग में बी.ई. (ऑनर्स) तथा बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ऐंड साइंस से एम.एम. की उपाधि प्राप्त। वर्ष 1999 से हैदराबाद स्थित अंतरिक्ष विभाग, भारत सरकार के संगठन ‘एड्रिन’ में वैज्ञानिक पद पर कार्यरत। कृतित्व : विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में हिंदी-अंग्रेजी में अनेक लेख प्रकाशित।
पुरस्कार-सम्मान : राजभाषा विभाग, केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद् द्वारा आयोजित बीसवीं अखिल भारतीय वैज्ञानिक तथा तकनीकी विषयों पर हिंदी लेख प्रतियोगिता में द्वितीय सम्मान। अंतरिक्ष विभाग तथा रक्षा मंत्रालय के विभिन्न हिंदी तकनीकी लेख प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत।