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अंतरिक्ष अन्वेषण मानव की जिज्ञासाओं को शांत करने, ज्ञानार्जन करने तथा ब्रह्मांड की अधिकाधिक जानकारी प्राप्त करने का सबसे सशक्त माध्यम है। अंतरिक्ष युग के प्रथम पचास वर्षों में अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में मानव ने अच्छीड़खासी प्रगति की है। आज हमें पता चल चुका है कि कई करोड़ आकाशगंगाएँ हमारे ब्रह्मांड का निर्माण करती हैं। अंतरिक्ष अन्वेषण कार्य आज भी निरंतर जारी है।
अंतरिक्ष अन्वेषण के कार्यों से मानव अनेक क्षेत्रों—कंप्यूटर, संचार, परिवहन, चिकित्सा, घरेलू उत्पाद इत्यादि में लाभान्वित हुआ है। अंतरिक्ष यात्रा एक अत्यंत साहसिक कार्य है। इसकी प्रगति में महान् अंतरिक्ष यात्रियों के साहस और शौर्य ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
प्रस्तुत पुस्तक ‘अंतरिक्ष में बढ़ते कदम’ अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में हुई और हो रही अभूतपूर्व प्रगति से परिचय कराती है। इसके अध्ययन से शोधार्थी, विद्यार्थी ही नहीं, जनसामान्य भी समान रूप से लाभान्वित होंगे।
पं. गोविंद बल्लभ पंत इंजीनियरिंग कॉलेज, पौड़ी गढ़वाल से कंप्यूटर साइंस ऐंड इंजीनियरिंग में बी.ई. (ऑनर्स) तथा बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ऐंड साइंस से एम.एम. की उपाधि प्राप्त। वर्ष 1999 से हैदराबाद स्थित अंतरिक्ष विभाग, भारत सरकार के संगठन ‘एड्रिन’ में वैज्ञानिक पद पर कार्यरत। कृतित्व : विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में हिंदी-अंग्रेजी में अनेक लेख प्रकाशित।
पुरस्कार-सम्मान : राजभाषा विभाग, केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद् द्वारा आयोजित बीसवीं अखिल भारतीय वैज्ञानिक तथा तकनीकी विषयों पर हिंदी लेख प्रतियोगिता में द्वितीय सम्मान। अंतरिक्ष विभाग तथा रक्षा मंत्रालय के विभिन्न हिंदी तकनीकी लेख प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत।
मोतीलाल नेहरू रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से बी.ई. एवं रुड़की विश्वविद्यालय से एम.ई. की उपाधियाँ प्राप्त।
कृतित्व : अब तक अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित लगभग ग्यारह पुस्तकें प्रकाशित।
पुरस्कार-सम्मान : उत्तर प्रदेश सरकार का ‘संपूर्णानंद पुरस्कार’, राजभाषा विभाग का ‘इंदिरा गांधी पुरस्कार’ तथा इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के ‘राष्ट्रपति पुरस्कार’ से पुरस्कृत। ‘सर्टिफिकेट ऑफ मेरिट’ एवं इसरो (ISRO) की ओर से ‘डिस्टिंग्विश्ड अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित। ऑल इंडिया सोसाइटी फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कंप्यूटर टेक्नोलॉजी संस्था द्वारा ‘डॉ. सी.वी. रमण तकनीकी लेखन पुरस्कार’ से पुरस्कृत।
संप्रति : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में वरिष्ठ संचार इंजीनियर के पद से सेवानिवृत्त होकर विज्ञान-लेखन में रत।