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ढाई अक्षर का शब्द रिश्ता एक गजब का गैरमामूली जादुई शब्द है। रिश्ते दरअसल खुशी और गम के सच्चे साझीदार होते हैं। अपनों से दिल के तार जुड़ने पर जहाँ ये मुसकराने की वजह बन जाते हैं, वहीं उनसे बिछुड़ने पर हमारी आँखों की कोरों को धीरे से नम कर जाते हैं।
हर रिश्ते की अपनी एक अलग सुगंध होती है, क्योंकि हर रिश्ता उस व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति के साथ किए गए विशिष्ट संव्यवहार से अपने तरीके से पुष्पित-पल्लवित होता है।
रिश्तों और शब्दों का संबंध बेहद करीबी है। व्यक्ति और अक्षर क्रमशः रिश्ते और शब्दों के संरचनात्मक अवयव हैं। हमारी कोमल भावनाएँ जब शब्दों के रूप में छोटी सी पाती का आकार ग्र्रहण कर रही होती हैं तो ऐसा लगता है कि हम बिना किसी अवरोध के अपने प्रिय के दिल में गहरे तक उन्मुक्त पंछी की तरह प्रवेश कर रहे हों। इसलिए शब्दों से बुनी हुई कहानियाँ पाठकों के अंतस में संवेदना और आपसी लगाव का भाव जगाकर वर्तमान समय में तेजी से दरककर बिखर रहे रिश्तों को सहेजने का एक अत्यंत प्रभावी माध्यम हैं।
प्रस्तुत कहानी-संग्रह में लेखकद्वय की प्रत्येक कहानी इसी भावना को लिये हमारे आस-पास के समाज में बिखरे रिश्तों में समाए उस अनूठे संसार को कागज पर प्रतिबिंबित करती है, जहाँ एक-दूसरे के लिए समर्पण है, चिंता है, तड़प है और कभी-कभी मौन रहकर भी दिल के रास्ते भावनाओं का संपूर्ण संप्रेषण है।
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अनुक्रम
अनुभूति के स्तर से गुजरते हुए Pgs. 7
आत्मकथ्य Pgs. 13
कुछ अपने मन की Pgs. 15
चिरंजीव सिन्हा की कहानियाँ
1. बादलों में इंद्रधनुष Pgs. Pgs. 19
2. हनीमून फेज-2 Pgs. 63
3. एहसासों का मुलायम वर्क Pgs. 69
4. रोशनदान की जाली और वे चिड़ा-चिड़ी Pgs. 75
5. कजिन नहीं दीदी Pgs. 81
6. फुटपाथ Pgs. 87
7. बिटिया का पावर हाउस Pgs. 93
8. माताजी को हँसाने की ड्यूटी Pgs. 101
9. गुड गर्ल Pgs. 105
10. परिबोध Pgs. 115
11. थरमस Pgs. 121
हर्षाश्री की कहानियाँ
12. निःशब्द Pgs. Pgs. 127
13. बोंसाई Pgs. 131
14. दूध पर जमी मलाई Pgs. 135
15. बैकबोन Pgs. 139
16. मैं उसे जानती नहीं थी पर Pgs. 145
17. अपराजिता Pgs. 151
18. होमवर्क Pgs. 157
19. प्रत्यारोपण Pgs. 163
20. संप्रेषण Pgs. 171
21. मियाँ गुमसुम और बत्तो रानी Pgs. 175
22. बड़की-छुटकी वर्सेस शुभदा देवी Pgs. 181
23. शीशम की अलमारी Pgs. 187
हर्षाश्री
मूल रूप से इलाहाबाद की रहने वाली हर्षाश्री इलाहाबाद विश्वविद्यालय से वनस्पति विज्ञान में पोस्ट ग्रैजुएट होकर दिल्ली में केंद्र सरकार में अवर सचिव के पद पर कार्यरत हैं।
हर्षाश्री की कहानियाँ अपने आस-पास की दैनंदिन घटनाओं से प्रेरणा लेते हुए उनमें निहित सूक्ष्म अनुभूतियों को हमारे सामने उजागर करती हैं। उनकी कहानियाँ कभी रुलाती हैं, कभी हँसाती हैं और कभी किसी साधारण सी बात में नया जीवन-दर्शन सिखा जाती हैं।
हर्षाश्री से आप कभी भी swapnilharsha@gmail.com
पर संपर्क कर सकते हैं।
चिरंजीव सिन्हा
मूल रूप से पटना, बिहार के चिरंजीव वर्तमान में अपर पुलिस अधीक्षक कानून व्यवस्था के पद पर लखनऊ में कार्यरत हैं।
हमारे घर और आस-पास की रोजमर्रा की जिंदगी में से बेशकीमती पलों और संवेदनाओं को ढूँढ़कर उन्हें कहानियों में पिरो लेना उनके लेखन की विशेषता है। जीवन में रिश्तों से महत्त्वपूर्ण कुछ भी नहीं, ऐसा उनका विश्वास है और यही विश्वास उनकी कहानियों में दिखाई देता है।
चिरंजीव नाथ सिन्हा से आप कभी भी
chiranjeevstf@gmail.com
पर संपर्क कर सकते हैं।