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अनुवाद का संबंध भाव, विचार, सृजन एवं रचना की प्रारंभिक प्रक्रिया से स्वतः ही जुड़ जाता है। यद्यपि अनुवाद कही हुई बात अथवा ज्ञात उक्ति का पुनर्कथन है, लेकिन क्या भावों का अनुवाद विचार; विचारों का अनुवाद रचना नहीं है? अनुभूति ही दूसरे अर्थों में अनूदित अथवा अंतरित होकर अन्यान्य अभिव्यक्तियों का रूप ग्रहण कर चिंतनधारा को विस्तारित करती आई है।
अनुवाद वस्तुतः किसी एक भाषा में बहुप्रचलित अथवा अत्यल्प प्रचलित भाव, ज्ञान अथवा किसी भी प्रकार की संपदा का अधिकाधिक श्रोताओं, उपभोक्ताओं व पाठकों तक संबंधित ज्ञान, भाव, विचार अथवा सामग्री के प्रचार-प्रसार का एक प्रभावी माध्यम है।
अनुवाद आज के सामाजिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक, राजनैतिक, आर्थिक व व्यावहारिक जीवन का ही नहीं, बल्कि समेकित जीवन पद्धति की अपरिहार्य अपेक्षा हो गई है। इसके अभाव में जीवन में अभिव्यक्ति व बहुविध ज्ञानार्जन की कल्पना नहीं की जा सकती।
अनुवाद आज के ज्ञान-प्रसार का प्राण-तत्त्व है। इस पुस्तक में विभिन्न मंत्रालयों, कार्यालयों तथा साहित्य के अन्यान्य क्षेत्रों में प्रयुक्त व हस्तगत, संगृहीत विगत दशकों की बिखरी शब्द संपदा को अलग-अलग अनुप्रयोगों के संदर्भ में सहेजने का एक विनम्र प्रयास किया गया है। कार्यालयीन संदर्भों के साथ-साथ यह लेखक, विद्यार्थी एवं विश्वविद्यालय के अनुवाद से जुड़े शोधार्थियों के लिए भी समान रूप से उपादेय है।
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अनुक्रम
अपनी बात —Pgs. 5
1. हिंदी भाषा की विकास यात्रा —Pgs. 21
2. अनुवाद की भूमिका एवं महत्त्व —Pgs. 50
3. अनुवाद, तात्पर्य एवं प्रकार —Pgs. 58
4. अनुवाद की प्रक्रिया —Pgs. 70
5. अनुवादक के गुण —Pgs. 77
6. कार्यालयीन अनुवाद एवं अनुप्रयोग —Pgs. 88
7. विभागीय शब्दावली का अनुवाद —Pgs. 123
8. पेट्रोलियम शब्दावली का अनुवाद —Pgs. 172
9. लोकोक्तियों और मुहावरों का अनुवाद —Pgs. 182
10. साहित्यिक अनुवाद की समस्याएँ —Pgs. 194
11. वैज्ञानिक अनुवाद : समस्या एवं समाधान —Pgs. 215
दिनेश चमोला ‘शैलेश’
जन्म : 14 जनवरी, 1964; कौशलपुर, रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड)।
शैक्षिक अर्हता : एम.ए. (अंग्रेजी), प्रभाकर, एम.ए. हिंदी (स्वर्णपदक प्राप्त), पी-एच.डी., डी.लिट्. एवं हिंदी, गढ़वाली, अंग्रेजी तथा पंजाबी भाषा का ज्ञान।
अनुभव : संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार में संयुक्त निदेशक (हिंदी) के पद सहित केंद्र सरकार के अनेक कार्यालयों में कार्य।
सम्मान : राष्ट्रीय साहित्य अकादमी, दिल्ली द्वारा हिंदी में ‘गाएँ गीत ज्ञान-विज्ञान के’ पुस्तक के लिए बाल साहित्य पुरस्कार-2014 सहित राष्ट्रीय स्तर पर पचास से अधिक सम्मान/पुरस्कार प्राप्त। देश के बीस से अधिक विश्वविद्यालयों में अपने मौलिक लेखक पर कई पी-एच.डी./एम.फिल. के शोध-प्रबंध संपन्न।
प्रकाशन : ग्यारह काव्य-संग्रह, दो कहानी-संग्रह, दो उपन्यास, एक एकांकी-संग्रह, एक व्यंग्य-संग्रह, तीन अनुवाद/ प्रयोजनमूलक हिंदी विषयक पुस्तकें, बाल साहित्य सहित 75 पुस्तकें प्रकाशित।
संप्रति : डीन, आधुनिक ज्ञान-विज्ञान संकाय तथा अध्यक्ष हिंदी एवं भाषा विज्ञान विभाग, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार-249402।