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डॉ. श्यामाप्रसाद मुकर्जी (1901-1953) सर आशुतोष मुकर्जी के द्वितीय पुत्र एक बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी ही नहीं, एक महान् शिक्षाविद्, देशभक्त, राजनेता, सांसद, अदम्य साहस के धनी और सहृदय मानवतावादी थे। बावन वर्षों से भी कम के जीवनकाल में और उसमें से भी राजनीति में सिर्फ चौदह साल में वे स्वतंत्र भारत के पहले मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के पद तक पहुँचे; जिसे उन्होंने पूर्वी पाकिस्तान में हुए अल्पसंख्यक हिंदुओं के नरसंहार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से गंभीर मतभेद होने पर ठुकरा दिया। इससे पहले वे जिन्ना के पाकिस्तान से छीनकर बनाए गए पश्चिम बंगाल और पूर्वी पंजाब के अस्तित्व में आने के पीछे एक सक्रिय ताकत रहे। कैबिनेट मंत्री के पद को ठुकराने के बाद उन्होंने भारतीय जनसंघ की स्थापना की, जिसकी परिणति आज की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के रूप में हुई।
यह पुस्तक भलीभाँति शोध की हुई मातृभूमि के उस महान् सपूत की समग्र जीवनी है, जो उनके प्रेरणादायी जीवन का ज्ञान कराती है।
तथागत राय के कॅरियर की शुरुआत एक सिविल इंजीनियर के रूप में हुई। आगे चलकर वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए और पश्चिम बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष बने। वर्तमान में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं। उन्होंने अंग्रेजी और अपनी मातृ-भाषा बाँग्ला में काफी कुछ लिखा है, जो प्रकाशित भी हुआ है। सन् 2007 में प्रकाशित उनकी पुस्तक ‘ए सप्रेस्ड चैप्टर इन हिस्ट्री’ को अपार प्रसिद्धि मिली, जिसमें हिंदुओं के पूर्वी पाकिस्तान और बाँग्लादेश से पलायन करने का वर्णन है, और इस विषय पर यह अंग्रेजी में लिखी गई गिनी-चुनी पुस्तकों में से एक है। 66 वर्षीय तथागतजी की दो बेटियाँ हैं और उनक अधिकांश जीवन कोलकाता में बीता है।