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उस पुराने फौजी के सिर के पिछले भाग में कोई दो इंच लंबा-गहरा घाव था, जो स्पष्ट रूप से किसी धारदार हथियार के वार से किया गया लगता था पर यह अनुमान लगाना कठिन था कि वह हथियार क्या रहा होगा! फर्श पर, जहाँ पहले शव था, उसके पास नक्काशीदार लकड़ी का एक भारी डंडा पड़ा था। कर्नल के पास तरह-तरह के हथियारों का संग्रह था, जो उन देशों से लाए गए थे, जहाँ वह लड़ा था; और पुलिस का अनुमान था कि वह डंडा उसके पदकों में से एक था। नौकरों ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने उस डंडे को पहले कभी देखा था, परंतु यह संभव है कि अजीब चीजों से भरे उस घर में उनका ध्यान उस तरफ न गया हो। —इसी पुस्तक से प्रतिष्ठित लेखक सर आर्थर कॉनन डॉयल ने अनेक प्रसिद्ध उपन्यास और कहानियाँ लिखकर एक बडे़ पाठकवर्ग को अपना प्रशंसक बनाया। जासूसी, रोमांच और अपराधों पर केंद्रित उनकी कहानियाँ बहुत पसंद की गईं। इस संग्रह में उनकी अत्यंत लोकप्रिय कहानियाँ संकलित हैं।
सर आर्थर कॉनन डॉयल (22 मई, 1859-7 जुलाई, 1930) एक स्कॉटिश चिकित्सक और लेखक थे, जिन्हें अधिकतर जासूस शेरलॉक होम्स की कहानियों और प्रोफेसर चैलेंजर के साहसिक कारनामों के लिए जाना जाता है। उन्होंने विज्ञान कल्पना कथाएँ, ऐतिहासिक उपन्यासों, नाटकों और रोमांस, कविता और विभिन्न कल्पना साहित्य के रूप में विपुल साहित्य-सृजन किया।
कॉनन डॉयल ने प्रारंभिक शिक्षा रोमन कैथोलिक जेसुइट स्कूल में तथा उच्च शिक्षा स्टोनीहर्स्ट कॉलेज में प्राप्त की। उन्होंने एडिनबर्ग विश्वविद्यालय में चिकित्सा विज्ञान का अध्ययन किया, तदुपरांत एस्टन शहर (जो अब बर्मिंघम का एक जिला है) और शेफील्ड में कार्य भी किया। अध्ययन काल में ही कॉनन डॉयल ने लघु-कथाओं का लेखन भी शुरू कर दिया था; उनकी पहली कहानी 20 वर्ष की अवस्था में चैंबर्स एडिनबर्ग जर्नल में प्रकाशित हुई।