Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Arunachal Pradesh Ki Lokkathayen   

₹250

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Prof. Nand Kishore Pandey / Prof. Harish Kumar Sharma
Features
  • ISBN : 9789355210128
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Prof. Nand Kishore Pandey / Prof. Harish Kumar Sharma
  • 9789355210128
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2021
  • 184
  • Soft Cover
  • 200 Grams

Description

अरुणाचल प्रदेश की लोककथाएँ
अरुणाचल प्रदेश भारत के उत्तर-पूर्वी भूभाग में अवस्थित एक शांत, सुरम्य और वैविध्यसंपन्न मूलतः जनजातीय राज्य है।
अतीतकाल से यहाँ लिखित साहित्य की परंपरा प्रायः नहीं रही। शताब्दियों से मौखिक रूप में प्रचलित लोक-साहित्य ही यहाँ की परंपरागत धरोहर है। इस संग्रह की लोककथाएँ अरुणाचल प्रदेश, उसके लोकजीवन, लोकजीवन के वैशिष्ट्य, उस वैशिष्ट्य के मूल उत्स और फिर हिंदी लोक-साहित्य और संस्कृति से उसके साम्य-वैषम्य का परिचय करवाएँगी।
आदमी की अप्रतिम जिजीविषा, साहस, संघर्ष और पराक्रम की कथाएँ हैं। 
निश्चित रूप से अरुणाचल प्रदेश की भिन्न-भिन्न जनजातियों में प्रचलित लोककथाओं का यह संग्रह अरुणाचली समाज, संस्कृति और साहित्य को जानने तथा उनके वैशिष्ट्य को समझने में तो हिंदी-पाठकों के लिए सहायक सिद्ध होगा ही, उनका तादात्म्य भी इनसे बना पाएगा

 

The Author

Prof. Nand Kishore Pandey / Prof. Harish Kumar Sharma

प्रो. नंद किशोर पाण्डेय
भारतीय साहित्य के चर्चित और प्रतिष्ठित विद्वान् हैं। भारतीय मध्यकालीन साहित्य के लेखक और वक्ता के रूप में विशिष्ट पहचान। राजीव गांधी विश्वविद्यालय, ईटानगर तथा राजस्थान विश्वविद्यालय में हिंदी विभागाध्यक्ष रहे। ‘संत रज्जब’, ‘संत साहित्य की समझ और दादूपंथ के शिखर संत’ उल्लेखनीय पुस्तकें हैं। इन्होंने अनेक देशों की अकादमिक यात्राएँ की हैं। केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक के रूप में इन्होंने अपनी बहुमूल्य सेवाएँ दीं। संप्रति :अधिष्ठाता, कला संकाय तथा शोध निदेशक, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर।

प्रो. हरीश कुमार शर्मा
लगभग 21 वर्षों तक अरुणाचल प्रदेश में उच्चतर स्तर पर हिंदी अध्यापन। राजीव गांधी विश्वविद्यालय में तीन-तीन वर्ष हिंदी विभागाध्यक्ष तथा भाषा संकायाध्यक्ष रहे। 
अक्तूबर 2020 से सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु के हिंदी विभाग में आचार्य पद पर कार्यरत। 
साथ ही छात्र-कल्याण अधिष्ठाता, कला संकाय अधिष्ठाता, शोध निदेशक जैसे दायित्वों का निर्वहन। अब तक पाँच पुस्तकें तथा राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न पत्रिकाओं में शताधिक सृजनात्मक एवं आलोचनात्मक रचनाएँ प्रकाशित

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW