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Author Manoj Srivastava
Features
  • ISBN : 9789352661091
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Manoj Srivastava
  • 9789352661091
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2017
  • 168
  • Hard Cover

Description

आज के भौतिकवादी व उपभोगतावादी युग में हम आत्मिक रूप से कमजोर पड़ते जा रहे हैं। इससे हमारा मनोबल गिर रहा है। मनोबल की कमी के कारण आज हम वह उपलब्धि प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं, जिसके हम वास्तविक हकदार हैं। आज प्रत्येक व्यक्ति अपनी मानसिक कमजोरी को दूर करने के लिए जागरूक होकर प्रयास कर रहा है, लेकिन उसको सफलता नहीं मिल रही। आजकल हर बच्चा कहता है कि सकारात्मक सोचें, बाजार में सबसे अधिक पुस्तकें स्वयं-सुधार (सेल्फ इंप्रूवमेंट) की ही बिक रही हैं। लोग तनाव-प्रबंधन के लिए ट्रेनिंग कैंपों में भाग लेते हैं, प्रवचन और लैक्चर सुनते हैं, किंतु उन्हें वांछित लाभ नहीं मिल रहा है।
प्रस्तुत पुस्तक में वर्णित अध्याय हमारे भीतर भाव एवं मनोविकार के मध्य चलनेवाले सकारात्मक विचारों पर केंद्रित हैं। प्रत्येक अध्याय एक-दूसरे से गुँथा है। अतः प्रयास यह किया गया है कि एक लय में रहकर मूल विचार से जुड़ा रहा जाए।
स्वीकार भाव, माफ करना या माफी माँगना, स्वाभिमान होना, क्रोध पर नियंत्रण, शांति व खुशी इत्यादि, वे अवधारणाएँ हैं, जिनके सहारे हम नकारात्मक जीवन से दूर हो जाते हैं, साथ ही सकारात्मक जीवन अपनाकर सफलता अर्जित करते हैं। 
यह पुस्तक विकार दूर करके सत्वृत्तियाँ उत्पन्न कर जीवन का उत्कर्ष करने का मार्ग दिखानेवाली अनुपमेय कृति है।

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अनुक्रम

मनोज जी की लेखनी धन्य हो!—7

मेरी दृष्टि में ‘आत्मदीप बनें’—11

भूमिका—13

आभार—17

1. बौद्धिक संतुलन के आयाम—21

2. विचारों के आकर्षण का सिद्धांत—27

3. कार्मिक अकाउंट—39

4. क्रोध—44

5. स्वीकारभाव और जिम्मेदारी—55

6. माफी—69

7. पूर्वाग्रह एवं विश्वास की मान्यता—66

8. पैरेंटिंग—बच्चों की परवरिश—72

9. खुशी-शांति—78

10. परिस्थिति, दृष्टिकोण और डिटैचमेंट—90

11. सफलता—कंपीटिशन—108

12. स्ट्रेस—तनाव—117

13. वैल्यू—मूल्य—121

14. इनर यूटी—आंतरिक सुंदरता—131

15. अध्यात्म के विभिन्न आयाम—137

16. महवपूर्ण सकारात्मक विचार—159

17. उपसंहार—162

The Author

Manoj Srivastava

जन्म : 2 फरवरी, 1971, सिधारी आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश)।
शिक्षा : सन् 1991 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से आधुनिक इतिहास, अर्थशास्त्र व प्रतिरक्षा में स्नातक की उपाधि के पश्चात् प्राचीन इतिहास, पत्रकारिता व जनसंचार विषयों में परास्नातक की डिग्री।
पद एवं व्यवसाय : उत्तराखंड राज्य गठन के पश्चात् लोक सेवा आयोग द्वारा पी.सी.एस. 2002 के पहले बैच में जिला सूचना अधिकारी के रूप में चयनित। संप्रति देहरादून में सहायक निदेशक, सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग में सेवारत।
मो. :  9412074595
इ-मेल :
dio.hdr2010@gmail.com

 

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