पुणे विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग में 1984 से प्राध्यापक पद पर तथा 1997 से विभाग प्रमुख पद पर; पुणे की राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला में 1963 - 66 पी-एच.डी. के लिए कार्य, तत्पश्चात् मुंबई में टाटा मूलभूत अनुसंधान केंद्र, ब्रिटेन के ब्रिस्टल विश्वविद्यालय तथा लिव्हरपूल विश्वविद्यालय, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ तथा शिमला में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में 1984 तक कार्य किया । आपने रूस, पाकिस्तान, मलेशिया, इंडोनेशिया व चीन आदि देशों में वैज्ञानिक संगोष्ठियों में भाग लिया । गणितीय भौतिकी पर आपकी लिखी दो पुस्तकें देश-विदेश में पहुँचीं तथा अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक पत्रिकाओं में उनके अच्छे परीक्षण छपे । आपकी एक पुस्तक का चीनी भाषा में भाषांतर किया गया । आजकल आपने अपना ध्यान शालेय स्तर से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक भौतिक विज्ञान शिक्षा की ओर केंद्रित किया है । गहन वैज्ञानिक सिद्धांतों को आपने भारतीय भाषाओं में सरल रूप से प्रस्तुत किया । विज्ञान, शिक्षा एवं प्रशिक्षण पर आपने कई प्रकल्प चलाए हैं ।