13 सितंबर, 1954 को भागलपुर (बिहार) में जन्म। कानपुर विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एम.ए. किया। मार्च 1977 में राष्ट्रीय संवाद समिति समाचार के माध्यम से पत्रकारिता से जुड़े। दिल्ली के पर्यावरण पर उनकी पहली पुस्तक ‘काली धूप’ प्रकाशित। आकाशवाणी और दूरदर्शन के लिए जन-जागृति और जनरुचि से संदर्भित पटकथाओं और वृत्तकथाओं का लेखन। प्रौढ़ शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए ‘कानून और हम’, ‘वोट का अधिकार’, ‘मास्टर प्लान और दिल्ली के गरीब’ जैसी पुस्तिकाएँ खासी उपयोगी रहीं। ‘दिल्ली क्रांति के 150 वर्ष’, ‘भारत की परमाणु यात्रा’, ‘कहानी दिल्ली मेट्रो की’ इनकी महत्वपूर्ण कृतियाँ हैं। ‘दास्तान-ए-दिल्ली’ तथा ‘लाल-किले की प्राचीर से’ दो खंडों में संपादित पुस्तक है; इसमें श्री अवस्थी ने यह बताने का प्रयास किया कि आजादी के साठ वर्षों में हमने क्या खोया और क्या पाया।
1997 में सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ लेखन के लिए राष्ट्रपति के.आर. नारायणन द्वारा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार ‘स्वर्ण कमल’ से सम्मानित। ‘सर्वश्रेष्ठ पत्रकार पुरस्कार’ मिला। संप्रति महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, रोहिणी के सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज के कार्यकारी निदेशक हैं।