डॉ. आलोक शुक्ला एक सर्जन और आई.ए.एस. अधिकारी हैं। शानदार शैक्षणिक कॅरियर के बाद वे भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हो गए और मध्य प्रदेश के शिवपुरी तथा सागर में कलेक्टर रहे। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, राजस्व, आपदा प्रबंधन और खाद्य विभाग के दायित्व भी निर्वहन किए। छत्तीसगढ़ में धान की खरीद और पी.डी.एस. को कंप्यूटरीकृत किए जाने के उनके कार्य के लिए उन्हें 'प्रधानमंत्री लोक प्रशासन उत्कृष्टता पुरस्कार' (2010) से सम्मानित किया गया। वर्ष 2009 से 2014 के बीच उप चुनाव आयुक्त की भूमिका निभाते हुए उन्होंने दो राष्ट्रीय और राज्य के अनेक चुनावों को संपन्न कराने का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया। चुनाव-प्रक्रिया की अपनी गहरी समझ के साथ उन्होंने मिस्र, वेनेजुएला और ऑस्ट्रेलिया में हुए चुनावों में अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक के रूप में कार्य किया और मालदीव में चुनाव की प्रणाली को विकसित करने के अभियान की अगुवाई की।
आलोक की पहली पुस्तक 'एंबुश, टेल्स ऑफ द बैलट' को चहुँओर प्रशंसा मिली। इसने चुनाव संपन्न कराने से जुड़ी वास्तविक जीवन की कहानियों और उन गुमनाम नायकों को दुनिया के सामने ला दिया, जो उनके संचालन एवं उन्हें सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी निभाते हैं।